कीव । रूस और यूक्रेन के बीच एक माह से जारी जंग में जहां यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं तो वहीं जान बचाने के लिए बंकरों में छिपे लाखों लोग भूख से तड़प-तड़पकर मर रहे हैं। युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं पहुंच पा रही है, जिसके चलते मारियोपोल, कीव, खारकीव सहित कई शहरों में बंकर के अंदर ही भूख से व्याकुल कई लोग दम तोड़ चुके हैं। हालात बेहद खौफनाक हैं। दम तोडऩे वालों में कई बच्चे व बुजुर्ग भी शामिल हैं।
युद्ध के बीच घिरे यूक्रेन में बमबारी से बचने के लिए सैकड़ों लोग शहरों में छिपे हुए हैं। रूसी सेनाओं का जैसे-जैसे शहर में कब्जा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इनकी ज्यादती की खबरें भी बढ़ रही हैं। मारियुपोल पुलिस अधिकारी माइकल वर्शनिन ने कहा कि शहर में बच्चे, बुजुर्ग मर रहे हैं। शहर नष्ट हो गया है और इसे पृथ्वी के नक्शे से मिटा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डोनेट्स्क सैन्य-नागरिक प्रशासन के प्रमुख पाव्लो क्यारिलेंको ने कहा कि हजारों मारियुपोल निवासी कब्जे वाले मानहुशी और मेलेकिन में भूख से मर रहे हैं।
रूसी सेनाओं ने उन्हें भोजन, पानी और सुरक्षित मार्ग मुहैया करने से इनकार कर दिया है। मारियुपोल नगर परिषद ने दावा किया कि रूसी सैनिकों ने कई हजार लोगों को रूस की सीमा में जाने के लिए मजबूर किया है। परिषद ने अपने बयान में कहा कि कब्जे वाले लोगों को यूक्रेन छोड़कर रूसी क्षेत्र में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कब्जा करने वालों ने अवैध रूप से लेवोबेरेज्नी जिले से लोगों को बाहर निकाला और एक स्पोट्र्स क्लब की इमारत में शेल्डर बनाया है। ये वो लोग हैं, जो बमबारी से बचने के लिए छिपे हुए थे। शेल्डर में लोगों की हालत काफी खराब है। इन्हें भोजन-पानी जैसे मूलभूत चीजें भी नहीं मिल रही हैं।