सूरत | सूरत की कोर्ट ने शहर के पासोदरा में गत फरवरी महीने में सरेआम ग्रीष्मा वेकरिया की गला रेत कर हत्या करने वाले फेनिल गोयाणी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है| साथ ही 5000 रुपए का जुर्माने का आदेश दिया है| बचाव पक्ष के वकील ने अपने मुवक्कील को कम से कम सजा देने की काफी दलील दी, परंतु न्यायधीश ने इसे रेरेस्ट और रेर केस बताते हुए आरोपी को मृत्युदंड का आदेश दिया है|
बता दें कि घटना 12 फरवरी 2022 की जब एकतरफा प्यार में पागल फेनिल गोयाणी ने 20 वर्षीय ग्रीष्मा वेकरिया की उसके घर के निकट ही गला रेत कर हत्या कर दी| ग्रीष्मा को बचाने का प्रयास कर रहे उसके भाई और चाचा पर भी तीक्ष्ण हथियार से वार कर उन्हें घायल कर दिया था| गत 22 अप्रैल को सूरत कोर्ट में दिनभर दोनों पक्षों की दलीलें चलीं| जिसमें सरकारी वकील ने यह मामला केवल वीडियो पर आधारित नहीं है| आपराधिक मानसिकता के आरोपी फेनिल गोयाणी ने एक योजना के तहत ग्रीष्मा को मौत के घाट उतार दिया|
हत्या के लिए आरोपी ने पहले रेकी भी की थी| घटना के दिन वह ग्रीष्मा की कॉलेज में उसे खोजने के लिए गया था| जहां ग्रीष्मा की सहेली धृति से कहा था कि वह आज ग्रीष्मा के घर जाकर कुछ बड़ा करने वाला है| आरोपी ने केवल ग्रीष्मा की हत्या ही नहीं की उसके भाई और चाचा की भी हत्या का प्रयास किया था| इसलिए आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए| बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि वेबसीरिज देखता है इसलिए उसे फांसी पर लटका दो| आरोपी को पश्चाताप नहीं है यह कैसे मान लिया गया|
जहां कठोर से कठोर दंड दिया जाता है वहां भी आपराधिक घटनाएं कम नहीं होतीं| वालिया डाकू वाल्मिकी बनेगा यह तो उसके मुक्त होने के बाद ही पता चलेगा| बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि यह कोई संगठित अपराध नहीं है और ना ही उनका मुवक्कील अपराधियों के साथ घूमता है| इसलिए आरोपी को कम से कम सजा दी जानी चाहिए| वह बाहर आने के बाद कोई खूंखार आरोपी नहीं बन जाएगा| कोर्ट ने 69 दिनों में आरोपी को दोषी करार दिया है| कोर्ट कार्यवाही के दौरान सरकारी वकील ने तीन दिन दलील दीं, जिसमें कहा कि आरोपी ने आवेश में आकर घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि इरादातन ग्रीष्मा की हत्या की है|
इस मामले में कोर्ट ने 190 में 105 गवाहों को सुना| गत 22 अप्रैल को पूरे कोर्ट में सरकारी वकील और बचाव पक्ष ने सजा पर अपनी अपनी दलील की| आज सूरत कोर्ट के न्यायधीश ने इस केस को रेरेस्ट ऑफ रेर केस माना| कोर्ट ने कहा कि ग्रीष्मा केवल 20 वर्ष की थी और उसके भी अपने सपने थे| दोषी को सजा देने मेरे लिए आसान नहीं है| न्यायधीश ने कहा कि मेरे 37 साल के कैरियर में देख रहा हूं कि आरोपी में न तो कानून का डर है और ना ही किसी प्रकार का पश्चाताप है| आरोपी ने ग्रीष्मा की हत्या के बाद उसके भाई और चाचा की भी हत्या का प्रयास किया है| कोर्ट ने आरोपी फेनिल गोयाणी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा के साथ ही 5000 रुपए के जुर्माने का आदेश दिया है|