प्रदेश में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर की गोपनीयता के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। 2023 में सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने पर गोपनीयता पर सवाल उठे थे। इस बार 3887 परीक्षा केंद्रों में से करीब 600 परीक्षा केंद्रों पर जिले के कलेक्टर द्वारा ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे। ये सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक उस परीक्षा केंद्र पर ही मौजूद रहेंगे और रिपोर्ट ऑनलाइन ही मंडल को भेजेंगे।
परीक्षा केंद्र पर नियुक्त किए गए कलेक्टर प्रतिनिधि परीक्षा केंद्र के पास के थाने में उपस्थित होकर पेपर निकलवाने और उसे केंद्र तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस दौरान वे एमपी बोर्ड द्वारा तैयार करवाए गए एप पर थाने से सेल्फी भेजेंगे। परीक्षा केंद्र के रूट की भी मॉनिटरिंग होगी।
मंडल के अधिकारियों के मुताबिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्र उन केंद्रों को माना जाता है जहां प्राइवेट छात्रों की संख्या अधिक होती है। जिस केंद्र पर पूरी तरह से केवल प्राइवेट परीक्षार्थी शामिल होते हैं उसे अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा जाता है।
अलमारी में रखवाएंगे स्टाफ के फोन
थाने से पेपर निकालने के बाद केंद्राध्यक्ष सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के मोबाइल बंद करवाकर अलमारी में सील कराएंगे। खास बात यह है कि पेपर के पैकेट भी परीक्षा केंद्र में लाने के बाद सीधे परीक्षा कक्ष में खोले जाएंगे।
थाने से परीक्षा केंद्र तक पेपर ले जाने रहे अधिकारियों के मोबाइल से रूट की भी ट्रैकिंग की जाएगी। यह भी निर्देश हैं कि पेपर केंद्र से सबसे नजदीकी रास्ते से लाया जाए। अनावश्यक रूप से लंबा रूट से पेपर केंद्र तक नहीं लाए जाएं।
सोशल मीडिया पर नजर...
मंडल सोशल मीडिया पर नजर रखेगा। इसके लिए साइबर पुलिस की मदद भी ली जाएगी। इसके तहत अगर कोई सोशल मीडिया पर पेपर लीक या यह कहकर पेपर शेयर करता है कि यह पेपर परीक्षा में आएगा तो उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। मंडल द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम से भी इस पर नजर रखी जाएगी।
अतिसंवेदनशील केंद्रों पर तैनात होंगे ऑब्जर्वर इस बार संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर सुबह 8 से 1 बजे तक ऑब्जर्वर को रहना होगा। इनकी रिपोर्टिंग भी ऑनलाइन होगी। थाने से परीक्षा केंद्र तक पेपर लाने के रूट की ट्रेकिंग की जाएगी। किसी ने पेपर लीक या फर्जी पेपर बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किए तो उन पर पुलिस कार्रवाई करेगी। -केडी त्रिपाठी, सचिव, मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल