जम्मू । कोरोना के हालात सुधरते ही जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। श्रीनगर हवाई अड्डे पर दिन-रात विमानों की आवाजाही दर्शा रही है कि पर्यटन उद्योग के अच्छे दिन आने वाले हैं। मार्च में पिछले एक दशक का रिकॉर्ड टूट गया क्योंकि इस दौरान एक लाख 80 हजार से ज्यादा पर्यटक कश्मीर घूमने आये। यही नहीं नवरात्रि के शुरुआती छह दिनों में एक लाख 76 हजार से ज्यादा श्रद्धालु प्रसिद्ध वैष्णो देवी गुफा के दर्शन कर चुके हैं।
यही नहीं, इस बार अमरनाथ तीर्थयात्रियों के भी भारी संख्या में आने की संभावना है जिसके चलते तमाम तैयारियां की जा रही हैं। देश के तमाम क्षेत्रों में बढ़ती गर्मी के चलते लोग कश्मीर का रुख कर रहे हैं। पहले यहां हालात ठीक नहीं होने के चलते लोग ठंड का मजा लेने के लिए अन्य पहाड़ी इलाकों में चले जाते थे लेकिन इस बार कश्मीर घाटी की ही ओर हर कोई खिंचा चला आ रहा है। यहां का मनोरम मौसम और वादियां हर किसी को आकर्षित कर रही हैं तो इसके अलावा लोग ट्यूलिप गार्डन, मुगल गार्डन आदि में सेल्फियां लेते और शिकारा की सैर करके आनंद लेते देखे जा सकते हैं। पर्यटकों की संख्या को देखकर जहां होटल उद्योग से जुड़े लोग खुश हैं वहीं शिकारा वाले तथा पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य लोग भी खुश हैं।
जम्मू से 42 किलोमीटर की दूरी पर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्थित तीर्थयात्रियों के आधार शिविर ‘कटरा’ में देश तथा विदेश के भक्तों के स्वागत की पूरी तैयारी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले छह दिनों में 1,76,174 तीर्थयात्रियों ने आधार शिविर से 12 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने कहा इनमें से नवरात्र के पहले दिन दो अप्रैल को सर्वाधिक 37,381 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। इसके बाद दूसरे नवरात्र को 33,340, तीसरे दिन 29,078, चौथे दिन 27,302, पांचवें दिन 29,078 और छठे नवरात्र पर 20,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। औसतन 27,000 से अधिक तीर्थयात्री प्रतिदिन दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। इस नौ दिवसीय महोत्सव का समापन रविवार को ‘महानवमी’ के दिन ‘पूर्णाहुति’ के साथ होगा।