येरेवान। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण माहौल हो गया है। आर्मीनिया ने आरोप लगाया है कि अजरबैजान की सेना ने साल 2020 के समझौते को तोड़ते हुए समझौते की सीमा रेखा को पार करके उसकी सेना पर हमले किए हैं। आर्मीनिया ने यह भी कहा है कि अजरबैजान उसकी गैस की सप्लाेइ को काटना चाहता है। अजरबैजान ने आर्मीनिया पर यह हमला ऐसे समय पर किया है जब यूक्रेन की जंग में रूस बुरी तरह से उलझा हुआ है। यह वही रूस है, जिसने आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच भीषण युद्ध के बाद अपनी शांतिरक्षक सेना को तैनात किया है।
आर्मीनिया के विदेश मंत्रालय ने बताया कि अजरबैजान की सेना ने आर्मीनिया की सेना के ठिकानों की ओर गोलाबारी की। आर्मीनिया की सेना ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलाबारी हुई। उसने दावा किया कि इसमें आर्मीनिया के 5 सैनिक घायल हो गए हैं, वहीं अजरबैजान के 5 सैनिकों की मौत हो गई है। अजरबैजान ने इस संघर्ष और सैनिकों की मौत की पुष्टि अभी तक नहीं की है।
आर्मीनिया की सेना ने यह भी दावा किया कि अजरबैजान की सेना ने हथियारों के साथ 'आत्म घाती ड्रोन' का भी इस्तेोमाल किया। उधर, रूस की शांतिरक्षक सेना की ओर से कराई गई बातचीत बेनतीजा साबित हुई है। आर्मीनिया के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की निंदा की है और इसे अजरबैजान की ओर से हमला करार दिया है। उन्हों्ने रूस की सेना से आह्वान किया है कि वे अजरबैजान के सैनिकों को तुरंत उनके पुराने इलाके में चले जाने के लिए कहें।
आर्मीनिया की मीडिया का कहना है कि अजरबैजान की सेना ने साल 2020 के समझौते को तोड़ते हुए पारुख गांव की ओर हमला किया। शुरुआती रिपोर्टों से पता चला है कि अजरबैजान की सेना पारुख गांव और उसके आसपास के इलाके में घुस आई है। इस हमले को देखते हुए सुरक्षा कारणों से पारुख गांव से लोगों को खाली करा लिया गया है। रूस के हस्तक्षेप के बाद अजरबैजान की सेना की कार्रवाई रुक गई है लेकिन वे अभी वहां से वापस नहीं गए हैं।