कोलकाता । भाजपा नेता और अभिनेत्री रूपा गांगुली ने एक सामाजिक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष से मुलाकात की। जिसके बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में रूपा गांगुली, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो सकती हैं। हालांकि गांगुली और घोष ने दोनों ही इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ करार दिया और कहा कि इस मुलाकात के पीछे कोई राजनीति वजह नहीं है।
हाल ही में संपन्न सामाजिक कार्यक्रम में दोनों की मुलाकात की की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। घोष ने कहा हम किसी कार्यक्रम में मिले। हम अलग-अलग सियासी दलों से हैं, लेकिन वह मेरी बड़ी बहन जैसी हैं। हमारी किशोरावस्था के दौरान वह प्रसिद्ध कलाकार थीं, जिन्होंने महाभारत में द्रौपदी का किरदार निभाया था। किसी को भी हमारी शिष्टाचार भेंट से कोई राजनीतिक मतलब निकालने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
बाद में रूपा गांगुली ने इस अटकल पर यह कहते हुए विराम लगाने की कोशिश की कि दूसरी राजनीतिक पार्टी के व्यक्ति से बात करने का मतलब उस दल में शामिल होने की संभावना नहीं होती। पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। उल्लेखनीय है कि रूपा गांगुली
2015 में भाजपा में शामिल हुई थीं। पार्टी ने उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था। सन 2016 में, उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने राज्य में 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों में भाग लिया।
हाल के दिनों में भाजपा के कई नेताओं ने टीएमसी का दामन थाम लिया है। जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, पार्टी सांसद अर्जुन सिंह और इसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय सहित पांच विधायकों ने पिछले साल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद टीएमसी में शामिल हुए थे। इसके अलावा राजीव बनर्जी और सब्यसाची दत्ता जैसे कई वरिष्ठ टीएमसी नेता भी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले संगठन में लौट आए थे। ऐसे में भाजपा की राज्य इकाई अपने नेताओं को एक साथ रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।