नई दिल्ली । राजस्थान के कई इलाकों में महिलाओं के दिन की शुरुआत पानी लाने से ही होती है और पूरा दिन उनका उसी पानी को बूंद-बूंद इस्तेमाल करने में बीतता है। यानि, महिलाएं अपने दिन के कई घंटे पानी की जद्दो-जहद में ही गुजार देती हैं। पर अब जल जीवन मिशन योजना इन महिलाओं को एक अच्छा जीवन स्तर प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में नल से जल पहुंचाऩे की महत्वाकांक्षी योजना पर काम किया गया है, स्वाभाविक है कि दीर्घकालिक जल जीवन मिशन से राजस्थान के लोगों को बहुत उम्मीद है। इस योजना से देश के ग्रामीण इलाकों में माँ व बहिनों के जीवन के कठिन श्रम को कम करने की कोशिश की जा रही है।
जल जीवन मिशन सिर्फ योजना नहीं है बल्कि सही अर्थों में गांधी जी के ग्राम स्वराज की मूल धारणा का का एक बड़ा उदाहरण है। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर लोगों की जिंदगी में सुगमता लाने का प्रयास कर रही हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि साल 2023-24 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाया जाए। लेकिन राजस्थान के 1.01 करोड़ ग्रामीण परिवारों में सिर्फ 1 लाख 28 हजार परिवारों को ही अब तक नल का कनेक्शन मिल सका है। राजस्थान सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में करीब 21 लाख (20.70 लाख) परिवारों तक कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस काम में राजस्थान सरकार के पास पैसों की भी कमी नहीं है। साल 2019-20 में केंद्र सरकार ने 1,051 करोड़ रुपए राजस्थान सरकार को रिलीज किए गए जिसमें 468 करोड़ रुपए अभी तक खर्च नहीं हो सके हैं। इसी तरह फ्लोराइड अथवा आर्सेनिक प्रभावित सभी बसावटों तक पीने योग्य पानी पहुंचाने की मद के लिए रिलीज किए गए 1,145 करोड़ रुपये में से 389 करोड़ रुपये भी अभी खर्च नहीं हो सके हैं। इस साल राजस्थान सरकार को आबंटन करते हुए 2,522 करोड़ रुपए आवंटित किए गये हैं। यानी पिछले साल की शेष राशि और इस बार के बढ़े हुए आवंटन के बाद करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए (3,517 करोड़ रुपए) केंद्र सरकार की तरफ से जल से नल पहुंचाने की मद के लिए राज्य सरकार के पास उपलब्ध हैं। राज्य के अंश को मिला लें तो इस वित्तीय वर्ष में राजस्थान सरकार के पास जलजीवन मिशन के जरिए हर ग्रामीण परिवार तक नल से जल पहुंचाने के लिए सात हजार करोड़ रुपए से ज्यादा (7,090) का फंड है। इसके अलावा केंद्र सरकार जल जीवन मिशन के तहत अच्छी कार्य कुशलता दिखाने पर परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव भी देती है, ऐसे में अतिरिक्त फंड की भी कोई कमी नहीं है।