नई दिल्ली। इंडियन रेलवे 151 प्राइवेट ट्रेनों को चलाने की तैयारी में है। इन प्राइवेट ट्रेनों में विमानों की तरह यात्रियों को पसंदीदा सीट, सामान और यात्रा की सुविधाएं दी जाएंगी। यात्रियों को इन सुविधाओं के लिए टिकट के अलावा अलग से भुगतान करना पड़ सकता है। यह सकल राजस्व (टोटल रेवेन्यू) का हिस्सा होगा, जिसे प्राइवेट ट्रेन को चलाने वाली कंपनी को रेलवे के साथ साझा करना होगा।
यह जानकारी रेलवे ने अपने एक दस्तावेज में दी है। रेलवे ने हाल ही में टेंडर (आरएफक्यू) जारी कर प्राइवेट यूनिट्स (जो प्राइवेट ट्रेनों को चलाएंगी) को पैसेंजर ट्रेनें चलाने के लिए आमंत्रित किया है। अधिकारियों के अनुसार इन सेवाओं के लिए यात्रियों से पैसा लेने के बारे में निर्णय भी निजी कंपनियों को करना है। रेलवे द्वारा जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार बोली लगाने वाली प्राइवेट कंपनियों को परियोजना लेने के लिए टेंडर में टोटल रेवेन्यू में हिस्सेदारी की पेशकश करनी होगी।
टेंडर के अनुसार रेलवे निजी कंपनियों को यात्रियों से किराया वसूलने को लेकर आजादी देगी। साथ ही उन्हें इस बात की भी आजादी होगी कि वे कमाई के रास्ते तलाशने के लिए नए विकल्प टटोल सकते हैं। आरएफक्यू में कहा गया है कि टोटल रिवेन्यू में साझेदारी किस प्रकार होगी यह अभी विचाराधीन है। वैसे इसमें निम्न बातें शामिल हो सकती है।
यात्रियों या किसी तीसरे पक्ष द्वारा यात्रियों को सेवा देने के एवज में संबंधित कंपनी को प्राप्त राशि इसके अंतर्गत आएगी। इसमें टिकट पर किराया राशि, पसंदीदा सीट का विकल्प, सामान/पार्सल/कार्गो (अगर टिकट किराया में शामिल नहीं है) के लिए अलग से पैसा देना शामिल होगा।। दस्तावेज के अनुसार यात्रा के दौरान की सेवाओं जैसे भोजन, बेडशीट, कंबल और यात्री की मांग पर दी जाने वाली कोई भी सामग्री, वाई-फाई का अलग से भुगतान करना होगा। इसके अलावा विज्ञापन, ब्रांडिंग जैसी चीजों से प्राप्त राशि भी टोटल रेवेन्यू का हिस्सा होगी।
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने पहली बार देश भर में 109 रेल मार्गों पर 151 आधुनिक यात्री ट्रेनें चलाने को लेकर निजी कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस परियोजना में निजी क्षेत्र से करीब 30,000 करोड़ रुपए का निवेश अनुमानित है। निजी कंपनी कहीं से भी इंजन और ट्रेन खरीदने के लिए स्वतंत्र होगी बशर्तें वे समझौते के तहत निर्धारित शर्तों एवं मानकों को पूरा करते हों। हालांकि समझौते में निश्चित अवधि तक घरेलू स्तर पर होने वाले उत्पादन के जरिए खरीदने का प्रावधान होगा।