भोपाल । मध्यप्रदेश के दो संभागों में आज (सोमवार) से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन से प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत आज इंदौर और उज्जैन संभाग से हो गई। वहीं नर्मदापुरम, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, चंबल और भोपाल संभाग में चार अप्रैल से गेहूं खरीदा जाएगा। इसके लिए प्रदेशभर में चार हजार 663 केंद्र बनाए गए हैं। उपार्जन से पहले पंजीकृत किसान की पात्रता की जांच नोडल अधिकारी करेंगे। किसानों को उपज का भुगतान आधार से लिंक खाते में किया जाएगा।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उपार्जन की सभी तैयारियां हो चुकी हैं। इस बार प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 19 लाख 81 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है।उपार्जन में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए सभी किसानों का बायोमैट्रिक सत्यापन कराया गया है। पांच लाख से ज्यादा किसानों के आधार नंबर में संशोधन कराने के साथ नए मोबाइल नंबर दर्ज कराए गए हैं।
28 हजार 298 किसानों ने नामिनी के माध्यम से पंजीयन कराया है। इस बार किसानों को उपज बेचने के लिए एसएमएस नहीं भेजे जाएंगे। किसानों ने अपनी मर्जी से उपार्जन केंद्र और उपज बेचने की तारीख का चयन किया है। सभी उपार्जन केंद्रों में किसानों का सत्यापन करने के लिए बायोमैट्रिक मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। किसान जब उपार्जन केंद्र पहुंचेगा तो उसकी पात्रता की जांच होगी और फिर तौल होने के बाद किसान को सीधे खाते में भुगतान होगा। इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी।
संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति दीपक सक्सेना ने बताया कि गेहूं के उपार्जन केंद्र से परिवहन, भंडारण, बोरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था कर ली गई है। उपार्जन केंद्रों पर किसानों को कोई परेशान न हो, इसके निर्देश दिए गए हैं। प्रदेशभर में चार हजार 663 केंद्र बनाए गए हैं। उपार्जन से पहले पंजीकृत किसान की पात्रता की जांच नोडल अधिकारी करेंगे।