नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फिल्म उद्योग से जुड़े कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी, स्वास्थ्य सुरक्षा और अन्य सामाजिक सुरक्षा देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि सरकार विदेशी निर्माताओं को देश में फिल्मों की शूटिंग के लिए मंजूरी की एकल खिड़की सुविधा कायम करने पर काम कर रही है। उन्होंने फिक्की और अन्य संगठनों से इस क्षेत्र में एक तंत्र तैयार करने में मदद का आग्रह भी किया ताकि भारत में विदेशी फिल्म की शूटिंग के लिए बाहर के लोगों को आकर्षित किया जा सके। गोयल ने अनियमित ओटीटी प्लेटफार्मों पर भी चिंता व्यक्त की, जहां कटेंट कभी-कभी आपत्तिजनक होता है और इसमें भ्रामक सूचनाएं भी होती हैं।
उन्होंने फिल्म उद्योग पर आधारित फिक्की फ्रेम्स 2020 में कहा, ‘इस उद्योग में काम करने वाले सभी हितधारकों के बीमा, स्वास्थ्य देखभाल, पेंशन और सामाजिक कल्याण को लेकर मैं चिंतित रहता हूं।’ गोयल ने कहा कि स्पॉट बॉय/गर्ल्स जैसे कई लोग फिल्मों, धारावाहिकों या विज्ञापनों में शामिल होते हैं, और उद्योग को इस क्षेत्र में लगे 26 लाख लोगों का बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। विदेशी फिल्म निर्माताओं को शूटिंग की मंजूरी में आसानी के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि आप अलग तरह से सोचें और नवाचार लाएं। हम इस प्रक्रिया में सभी को शामिल कर सकते हैं, एकल खिड़की के साथ प्रक्रिया को आसान कर सकते हैं और एक जगह शुल्क लिया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर मेरे मंत्रालय को ऐसा करने में खुशी होगी।
हम दूसरे उद्योगों के लिए ऐसा कर रहे हैं और आपके लिए भी करना पसंद करेंगे।’ गोयल ने कहा कि वह भारत में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों से बात करेंगे, निर्माता किसी दूसरे विदेशी स्थान पर न जाएं। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन क्षेत्र में भी सुधार आएगा। साथ ही उन्होंने अधिक संख्या में विदेशी कंपनियों को भारत में लाने की जरूरत पर जोर दिया। गोयल ने आत्मनिर्भर भारत योजना के बारे में कहा कि यह अपने दरवाजे बंद करने के बारे में नहीं है, बल्कि ताकत और आत्मविश्वास से भरी एक ऐसी स्थिति के बारे में है, जहां से हम समान शर्तों पर बातचीत करते हैं। कोविड-19 महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बारे में गोयल ने कहा कि दुनिया काम करने के नए तरीके को अपना रही है तथा आगे बने रहने के लिए उद्योगों को अलग तरह से सोचना होगा, नवाचार और कारोबारी ढांचे को नया स्वरूप देना होगा।