नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सेना से संबंधित अग्निपथ योजना को लेकर बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में जोरदार विरोध प्रदर्शन जारी है। बिहार में तो प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन में आग के हवाले कर दिया वहीं, आरा स्टेशन पर पथराव किया। यहां पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हरियाणा के पलवल में प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया है। उत्तराखंड में भी छात्र प्रदर्शन करने सड़क पर उतर गए। युवा इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को अग्निपथ योजना को लॉन्च किया है।
बिहार में आज लगातार दूसरे दिन बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। बिहार के जहानाबाद, बक्सर, आरा में छात्रों ने जबरदस्त तरीके से हंगामा मचाया है। इसके अलावा कई जगह छात्रों ने सड़क को भी जाम कर दिया है और आगजनी भी हुई है। बिहार के मुजफ्फरपुर और गया में भी विरोध हुआ है। बक्सर जिले में छात्रों ने रेल यातायात और सड़क ट्रैफिक को भी बाधित किया है। कल भी छात्रों की ओर से ट्रेनों पर पत्थर फेंके गए थे। बिहार के अलग-अलग जिलों में इस को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।
मुजफ्फरपुर शहर में बड़ी संख्या में सेना में भर्ती के अकांक्षी उम्मीदवारों ने चक्कर मैदान, जहां वे बड़ी संख्या में शारीरिक परीक्षण के लिए आते हैं जो जवानों की भर्ती के लिए अनिवार्य हैं, के चारों ओर सड़कों पर टायर जलाकर अपना आक्रोश प्रकट किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक शारीरिक परीक्षण उत्तीर्ण कर चुके हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोई भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने सेना में भर्ती की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। महीनों के प्रशिक्षण और छुट्टियों के साथ 4 साल की सेवा कैसे होगी? हम सिर्फ 3 साल के लिए प्रशिक्षित होने के बाद देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को इस योजना को वापस लेना होगा।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि केवल 4 साल काम करने के बाद हम कहां जाएंगे?
4 साल की सेवा के बाद हम बेघर हो जाएंगे। इसलिए हमने सड़कों को जाम कर दिया है, देश के नेताओं को अब पता चल जाएगा कि लोग जागरूक हैं। मुंगेर में भी कई युवाओं ने इसके लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ‘अगर देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं भारतीय रेलवे व सेना में भी नौकरियां ठेके एवं प्रशासनिक सेवा में ‘लेटरल एंट्री’ के नाम पर दी जाने लगेंगी तो युवा क्या करेंगे।’ उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘क्या युवा पढ़ाई और चार वर्षों की संविदा नौकरी भविष्य में भाजपा के पूंजीपति मित्रों के व्यावसायिक ठिकानों की रखवाली के लिए करेंगे’।
उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ योजना के अंतर्गत शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर कम अवधि की अस्थायी सेवा की हुई एक बड़ी आबादी 22 वर्ष की आयु में बेरोजगार हो जाएगी। क्या इससे देश में क़ानून व्यवस्था संबंधित समस्या उत्पन्न नहीं होगी?’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘ठेकेदारी प्रथा के तहत संविधान प्रदत्त आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है।’ तेजस्वी ने आरोप लगाया कि ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भाजपा और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों एवं घृणा से लैस लोगों व ‘फ्रिंज तत्वों’ को सरकारी खर्चे पर प्रशिक्षण दिलाने को आतुर है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में युवाओं ने केंद्र की सेना में नई भर्ती योजना अग्निपथ का विरोध किया। यूपी के बुलंदशहर और खुर्जा में भी युवाओं ने इसके विरोध में प्रदर्शन किए हैं। वहां पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है।
यूपी के बुलंदशहर में अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र। हाथों में तिरंगा और पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवा। पुलिस ने बलपूर्वक खुलवाया जाम, प्रदर्शन जारी। अग्निपथ को बताया युवाओं के कैरियर से खिलवाड़। उधर, अलीगढ़ पीएसी के निकट रामघाट रोड जाम कर प्रदेश सरकार द्वारा अग्निपथ योजना से 4 वर्ष के कार्यकाल के बाद सेवा मुक्त हुए अग्निवीरों को पुलिस सेवा में वरीयता देने का अभ्यार्थी कर रहे हैं विरोध। अभ्यर्थियों की मांग आर्मी, एयरफोर्स, नेवी में फिजिकल, मेडिकल परीक्षा पास करने वाले युवाओं की लिखित परीक्षा करा कर दी जाए जल्द नियुक्ति।
अग्निपथ योजना के खिलाफ हरियाणा के पलवल और दिल्ली के नांगलोई इलाके में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पलवल में प्रर्दशनकारियों ने सड़क जाम कर दिया। नांगलोई में छात्रों ने ट्रेन रोक दी और इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उधर, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी अग्निपथ योजना का विरोध शुरू हो गया है और छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या है सेना का अग्निपथ?-
तीनों सेनाओं में जवानों की कम समय के लिए भर्ती होगी। सैन्य बलों में जवानों की 4 साल के लिए भर्ती होगी। 17 साल 6 महीने से 21 साल तक के लोग भर्ती होंगे। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद सैन्य बलों में शामिल होंगे। जवान साढ़े तीन साल फोर्स में एक्टिव ड्यूटी करेंगे। बाद में 75 फीसदी जवानों को रिटायर कर दिया जाएगा। 25 फीसदी जवानों की एक महीने बाद फिर से भर्ती होगी। भर्ती सेना के तय नियमानुसार ही होगी। मेरिट और चार साल के सेवाकाल के दौरान किए गए प्रदर्शन के आधार पर केंद्रीयीकृत और पारदर्शी मूल्य़ांकन होगा। 100 प्रतिशत उम्मीदवार वालंटियर के तौर पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने सैन्य बलों में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ’ को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने सिलेसिलेवार किए ट्वीट में कहा, ‘सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली ‘अग्निवीर’ नई भर्ती योजना शुरू की है, उसको लुभावना और लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।' माया ने कहा कि उनका मानना है कि सेना व सरकारी नौकरी में पेंशन लाभ आदि को समाप्त करने के लिए ही सरकार सेना में जवानों की भर्ती की संख्या में कमी के साथ-साथ इसे मात्र चार साल के लिए सीमित कर रही है, जो घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं, उनके परिवार के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।'
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे बीजेपी शासित राज्यों ने अग्निवीरों को राज्य सरकार की नौकरियों मे प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। यूपी में पुलिस में सेना से मुक्त अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने भी अग्निवीरों के लिए घोषणाएं की है। हरियाणा सरकार ने भी ऐसे जवानों को अपने यहां नौकरी में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है।