भोपाल । आगामी दो अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्र की तैयारियां मातारानी के मंदिरों में शुरू हो गई हैं। पूरे नौ दिन 11 अप्रैल तक चलने वाले नवरात्र मनाने का उत्साह भक्तों में देखने को मिलेगा। लोग श्रद्धाभाव से नवरात्र पर्व मनाएंगे। इसके साथ ही दो अप्रैल को हिन्दू नववर्ष पर चेतीचांद, गुड़ी पड़वा पर्व भी मनाया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग सामाजिक संगठनों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मालूम हो कि कोरोना संकट काल के कारण बीते दो साल से चैत्र नवरात्र पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं उमड़ रही थीं।
पहली लहर में मंदिर बंद रहे और दूसरी लहर में कम श्रद्धालुओं की संख्या में खुले रहे। इससे मंदिरों में बड़ी संख्या में भीड़ नहीं दिखी। इस बार कोरोना संक्रमण कम हो गया है और धार्मिक आयोजनों पर सारे प्रतिबंध हट चुके हैं। ऐसे में माता मंदिर में नवरात्र पर्व मनाने के लिए मंदिर की विद्युत साज-सज्जा करने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं टीटी नगर मां वैष्णों मंदिर में संस्कृति बचाओ मंच की ओर से पूरे नौ दिनों तक मां के दरबार में धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी की जा रही है। साहू समाज ने घोड़ा निक्कास पर चैत्र नवरात्र मनाने के लिए शनिवार को एक बैठक रखी है।
इसी तरह जय भवानी मंदिर सोमवारा, मां पहाड़ा वाली मंदिर कोलार, बिड़ला मंदिर, गुफा मंदिर, श्रीबड़वाले महादेव मंदिर सहित मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बैठने की व्यवस्था की रणनीति बनाने के लिए दो दिन में बैठकें होंगी। नवरात्र दो अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस दिन सिंधी समाज का प्रमुख त्यौहार चेतीचांद भी मनाया जाएगा। संत हिरदाराम नगर की पूज्य सिंधी पंचायत, सिंधी सेंट्रल पंचायत, महिला सिंधी पंचायत ने चेतीचांद की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भगवान झूलेलाल मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। रथ यात्रा निकाली जाएगी। बड़ी धूमधाम से चैतीचांद मनाया जाएगा। इसके अलावा गुड़ी पड़वा भी मनाई जाएगी। हिन्दू नववर्ष का स्वागत किया जाएगा। इसके लिए मराठी समाज के लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने बाली के अत्याचारी शासन से दक्षिण की प्रजा को मुक्ति दिलाई थी। बाली के त्रास से मुक्त हुई प्रजा ने घर-घर में उत्सव मनाकर ध्वज फहराए। आज भी घर के आंगन में गुड़ी खड़ी करने की प्रथा महाराष्ट्र में देखने को मिलती है।
महाराष्ट्रीयन समाज के लाग धूमधाम से पूर्ण श्रद्धापूर्वक गुड़ी पड़वा मनाते हैं। राजधानी के ज्योतिषाचार्य के अनुसार, चैत्र नवरात्र में प्रतिपदा तिथि पर दो अप्रैल को घट स्थापना की जाएगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.08 12.57 तक रहेगा, इस दौरान भी घटस्थापना कर सकते हैं। नवरात्र दो अप्रैल को घोड़े पर सवार होकर आएंगी।
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा को धन व सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। चैत्र नवरात्र के दौरान नौ अप्रैल शनिवार को महाअष्टमी है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाएगी। राम नवमी का त्योहार 10 अप्रैल रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। इस दिन लोग कन्याओं को भोजन कराकर व्रत पारण करेंगे।