अमेरिका की पहल पर इंडो-पैसेफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क की शुरुआत क्वाड समिट से पहले जापान में हुई है। इसके उद्घाटन के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने अमेरिका और अन्य देशों के साथ काम करने का संकल्प लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडो-पैसेफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क इस क्षेत्र को ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बनाने की हमारी सामूहिक इच्छाशक्ति की घोषणा करता है। इस पहले के लिए मैं राष्ट्रपति जो बाइडेन को बहुत धन्यवाद देता हूं। इंडो पैसेफिक रीजन हमेशा से आर्थिक विकास का केंद्र रहा है।
पीएम मोदी ने बताए आर्थिक सहयोग के तीन मंत्र
इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत ने हमेशा दुनिया के आर्थिक विकास में योगदान दिया था और इंडो पैसेफिर क्षेत्र के कारोबार में भारत की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी पता है कि भारत में मेरे गृह राज्य गुजरात में दुनिया का पहला कमर्शियल पोर्ट लोथल में था। इसलिए यह आवश्यक है कि हम क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों के लिए साझा समाधान खोजें। टोक्यो में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक समावेशी फ्रेमवर्क के निर्माण के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि निरंतन सप्लाई चेन के लिए ट्रस्ट, ट्रांसपेरेंसी और टाइमलीनेस जैसे तीन मुख्य आधार होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि यह फ्रेमवर्क इन तीनों स्तंभों को मजबूत करने का काम करेगा।
अमेरिका, जापान समेत इन देशों के नेताओं ने लिया हिस्सा
इस आयोजन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापानी पीएम किशिडा ने हिस्सा लिया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, इंडोनेशिया, मलयेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों के नेता वर्चुअली शामिल हुए। बता दें कि इस संगठन में अमेरिका की ओर से भारत को भी शामिल होने का न्यौता दिया गया था। इस पर भारत ने फिलहाल को औपचारिक ऐलान नहीं किया है। माना जा रहा है कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के इकनॉमिक वारफेयर को काउंटर करने के लिए अमेरिका ने इस संगठन को गठन किया है।