- दाहोद में विराट आदिवासी जनसैलाब के बीच दाहोद को 22 हजार करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी
दाहोद| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों को ‘मेक इन इंडिया’ का केंद्र बिंदु बनाने की मंशा व्यक्त करते हुए कहा कि अंबाजी से लेकर उमरगाम तक के गुजरात के आदिवासी बेल्ट को पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और सिंचाई जैसी प्राथमिक सुविधाओं से संपन्न बनाने के बाद अब इस क्षेत्र को मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दाहोद जैसे क्षेत्र में 20 हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश से आदिवासी क्षेत्र में आर्थिक विकास का नया सूर्योदय होगा। पीएम मोदी ने कहा कि दाहोद मेक इन इंडिया का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। गुलामी कालखंड के लोकोमोटिव स्टीम इंजन के कारखाने को अब 20 हजार करोड़ रुपए के खर्च से आधुनिक बनाया जा रहा है। यहां 9000 हॉर्स पावर वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव रेल इंजन तैयार होंगे। दाहोद मेक इन इंडिया अभियान को गति देने के साथ दुनिया के देशों की इलेक्ट्रिक इंजन की मांग को पूरा करने में अहम भूमिका अदा करेगा। प्रधानमंत्री ने बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शनाबेन जरदोश की उपस्थिति में दाहोद में आयोजित विशाल आदिवासी महासम्मेलन में 1809.79 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए दाहोद जिले के आदिवासी बंधुओं को विकास की सौगात दी। प्रधानमंत्री ने पंचमहाल जिले में जन कल्याण और सुविधा के 159.71 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे द्वारा दाहोद वर्कशॉप में लगभग 20,000 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले 9,000 हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजनकी उत्पादन इकाई का शिलान्यास किया। मेक इन इंडिया अभियान को साकार करने वाले इस प्रोजेक्ट से दाहोद और उसके आसपास के क्षेत्रों में हजारों नौकरियों के अवसर सृजित होंगे। प्रधानमंत्री ने दाहोद जिले में कुल 21,969.50 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जो 9,000 हॉर्स पावर के लोकोमोटिव रेल इंजन बनाता है। दाहोद में इस आधुनिक रेल इंजिन का निर्माण शुरू होने से यहां के निकवर्ती क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि में वृद्धि होने के साथ ही इस पूंजीनिवेश से हजारों युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही निष्प्राण हो चुका दाहोद का परेल क्षेत्र भी अब गतिशील होगा। आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र और राज्य की सरकार द्वारा कंधे से कंधा मिलाकर काम किए जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उमरगाम से लेकर अंबाजी तक के आदिवासी बेल्ट में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, सिंचाई, कृषि, आवास और गैस चूल्हे जैसी प्राथमिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। जिसके परिणामस्वरूप अनेक आदिवासी परिवार आर्थिक प्रगति के मार्ग पर दौड़ने लगे हैं। हमने प्रगति-विकास की नई राह बनाई है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में ‘नल से जल’ योजना के सुदृढ़ कार्यान्वयन के बारे में बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमारी माताएं और बहनें पानी की कमी की समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। एक समय था जब पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता था। लेकिन अब नल से जल मिशन के अंतर्गत घर-घर नल के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस योजना का दायरा बढ़ाया गया है। अब तक गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों के 5 लाख घरों में नल कनेक्शन दिया गया है। देश में पिछले ढाई वर्ष में 6 करोड़ से अधिक परिवारों को इस योजना का लाभ मिला है। पानी की बड़ी समस्या हल होने से हमें माताओं का आशीर्वाद मिल रहा है।