न्यूयार्क । भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के परमाणु-मिसाइल गठजोड़ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि यह गठजोड़ क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद से कहा कि भारत का मानना है कि हमारे क्षेत्र में डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक आफ कोरिया) से संबंधित परमाणु एवं मिसाइल तकनीक के प्रसार का तत्काल समाधान निकालने की आवश्यकता है। गठजोड़ का भारत सहित क्षेत्र में शांति और सुरक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
तिरुमूर्ति ने उत्तर कोरिया का औपचारिक रूप से नाम लिया, लेकिन कूटनीतिक कारणों से तिरुमूर्ति ने पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया। फिर भी यह स्पष्ट था कि वह उत्तर कोरिया से मिसाइल तकनीक लेने के लिए इस्लामाबाद द्वारा गुप्त रूप से की गई परमाणु तकनीक की अदला-बदली की ओर इशारा कर रहे थे। इसी सहयोग ने प्योंगयांग को परमाणु हथियार विकसित करने में सहायता की और इस्लामाबाद ने मिसाइल तैयार किया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि अमेरिका के आग्रह पर आयोजित परिषद की बैठक में बोल रहे थे। अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा गुरुवार को लांच की गई अंतर महादेश बैलिस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) पर चर्चा के लिए परिषद की बैठक बुलाई थी।