पेरिस । फ्रांस निवासी भारतीय सिख इकबाल सिंह भट्टी इन दिनों भारतीय परिवारों के लिए मसीहा बने हुए हैं। वह इन दिनों भारत आए हुए हैं। उनके देश लौटने की वजह खास है। इकबाल 10 भारतीयों जिनकी फ्रांस में मौत हो गई थी, की अस्थियां लेकर आए हैं। इनमें से 7 की मौत कोरोना से हुई थी। इकबाल ये अस्थियां मरने वालों के परिवार को सौंपेंगे। इकबाल सिंह भट्टी ने 2005 में एक संगठन बनाया। यह संगठन फ्रांस में मरने वाले भारतीयों के अवशेष उनके परिवारों को लौटाने का काम करता है। वे अब तक पेरिस से 178 शवों को भारत ला चुके हैं। 65 साल के इकबाल सिंह पिछले 29 साल से फ्रांस में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे पेरिस के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती भारतीयों की देखभाल कर रहे हैं। इकबाल कहते हैं कि रब का बहुत शुक्रिया जो उसने मुझे सुरक्षित रखा, ताकि मैं यह काम कर सकूं।
भट्टी ने बताया कि मैं जब भी भारत आता हूं, ऐसे भारतीयों जिनकी मौत फ्रांस में अकेले रहते हुए हुई, की अस्थियां साथ लेकर आते हैं। इस बार इकबाल सिंह 10 भारतीयों की अस्थियां लेकर आए हैं। दिल्ली में रहने वाले दो परिवारों को वे अस्थियां सौंप चुके हैं जबकि बाकी परिवारों से मिलने के लिए वे जालंधर जाएंगे। भट्टी ने बताया कि हम परिवार की अनुमति लेकर पेरिस में शव का दाह संस्कार करते हैं और भारत आकर उनकी अस्थियां परिवार को दे देते हैं। अब तक हम 22 लोगों की अस्थियां ला चुके हैं। फ्रांस में कोरोना महामारी के दौरान लगभग 13 भारतीयों की मौत हुई। भारतीय दूतावास की मदद से भट्टी ने दो शव भारत भेजे। उन्होंने साफ किया कि दोनों की मौत कोरोना वायरस के कारण नहीं हुई थी।