बेंगलुरू । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) इस बात की कोशिश कर रही है कि अब शुक्र को अपने दायरे में ले आया जाए। यानी चंद्रमा और मंगल तक पहुंच बनाने के बाद अब शुक्र ग्रह तक पहुंचा जाए। ऐसा होने पर अमेरिका सहित कुछ चुनिंदा देशों के समूह में भारत भी शामिल हो जाएगा, जिनके दायरे में शुक्र होगा। एक खबर के मुताबिक इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बताया है कि हम कई सालों से तैयारी कर रहे थे।
अब ये मुकम्मल हो चुकी है। हमने अपनी परियोजना रिपोर्ट बना ली है । योजना पूरी तैयार है। पैसा कहां से आएगा, यह भी सुनिश्चित कर लिया है। क्षमताएं हमारे पास पहले से ही हैं। अब उच्च स्तर से हरी झंडी मिलते ही कभी भी शुक्र ग्रह के लिए अपना अंतरिक्ष यान भेज सकते हैं। जानकारी के मुताबिक इसरो दिसंबर-2024 में शुक्र ग्रह के लिए अपना उपग्रह भेज सकता है। उस समय को चुनने का अपना कारण है। ये कि उस वक्त शुक्र ग्रह पृथ्वी के सामने ऐसी स्थिति में होगा कि कम से कम ईंधन खर्च में उपग्रह को वहां भेजना मुमकिन होगा।
दिसंबर-2024 के बाद ऐसी स्थिति फिर 2031 में बनेगी। इसलिए अधिक संभावना है कि दिसंबर-2024 की ही किसी तारीख शुक्र ग्रह के लिए अंतरिक्ष यान रवाना कर दिया जाए। हालांकि इस बाबत अभी अंतिम रूप से फैसला होना बाकी है। इसलिए तारीख भी तय नहीं की जा सकी है लेकिन ये तय है कि शुक्र पर जाने वाला भारतीय उपग्रह उसकी कक्षा में चारों ओर चक्कर लगाएगा।
लगातार तस्वीरें खींचते हुए शुक्र के रहस्यमय वातावरण, सतह, ढांचा, मिट्टी आदि के अध्ययन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगा। गौर करने की बात है कि अब तक सिर्फ अमेरिकी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने ही शुक्र तक पहुंचने की योजना घोषित की है। अमेरिकी एजेंसी नासा अपनी इस योजना पर करीब 1 अरब डॉलर खर्च कर रही है। वह 2 अंतरिक्ष यान वहां के लिए रवाना कर रही है। इसी तरह की तैयारी यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की है।