पटना । बिहार में विधान परिषद चुनाव के बाद सियासी घमायान और बयानबाजी का दौर शुरू हो रहा है। एक तरफ जहां बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने एनडीए की एकजुटता पर सवाल उठाए तो सीएम नीतीश कुमार ने भी परिणामों के प्रति आश्चर्य जताया। जेडीयू की तरफ से कई सीटों पर जीत का दावा किया जा रहा था लेकिन परिणाम इसके ठीक उलट आए।
पटना के अशोक कन्वेंशन सेंटर में सम्राट अशोक की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा बिहार विधान परिषद का चुनाव आम जनता का इलेक्शन नहीं है। इसमें सीमित लोग ही मतदान करते हैं। एमएलसी चुनावों में एनडीए को बढ़त मिलने के सवाल पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इन चुनावों में आम जनता मतदान कहां कर रही है? इसमें सीमित लोग ही मतदान करते हैं। पिछली बार भी जब राजद के साथ गठबंधन था उसमें भी भाजपा को काफी सीट मिली थी। जो भी उम्मीदवार जीते हैं उनको बधाई।
इससे पहले ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की एकजुटता दिखती तो विधान परिषद चुनाव के परिणाम कुछ और होते। उन्होंने कहा बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं की अकारण बयानबाजी और बड़बोलेपन से मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हुई। बिहार विधानपरिषद की 24 सीटों के लिए चार अप्रैल को मतदान के बाद मतगणना में सत्तारूढ़ राजग ने आधे से अधिक पर कब्जा कर अपना दबदबा बरकरार रखा है।
लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने भी इस चुनाव में छह सीटें जीत कर अपनी सीटों की संख्या में सुधार करने में कामयाबी हासिल की। हालांकि उसने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था जो किसी भी पार्टी के लिए सबसे ज्यादा संख्या थी। इस चुनाव में चौकाने वाली बात यह है कि विद्रोहियों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़कर चार निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है।