नई दिल्ली। नेपाल सीमा पर विवादित क्षेत्र में नेपाल की ओर से किए गए अतिक्रमण के करीब नेपाली अधिकारियों के साथ वार्ता के लिए भारतीय अधिकारियों के पहुंचते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया। वहां इकट्ठा नेपाली नागरिकों की भीड़ विवादित भूमि नेपाल का हिस्सा होने का दावा। उनका कहना था कि जिस भूमि पर तारबाड़ के लिए पिलर गाड़े गए हैं वह भूमि विवादित नहीं बल्कि नेपाल की है। गौरतलब है कि उत्तराखंड के टनकपुर से लगे नेपाल के सीमांत ब्रह्मदेव कस्बे में सीमा स्तंभ संख्या 811 गायब होने के कारण लंबे समय से सीमा विवाद बना हुआ है। विवादित नो मैंस लैंड में नेपाली नागरिकों की ओर से पौधरोपण के बाद सीमेंट के पिलर गाड़कर तारबाड़ लगाना शुरू किया तो एसएसबी ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे रुकवाया था। भीड़ का कहना था कि गाड़े गए पिलरों को किसी भी कीमत पर नहीं हटने दिया जाएगा। अतिक्रमण के मामले को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच वार्ता के दौरान मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर भारतीय प्रशासन ने उन्हें वार्ता की कवरेज करने से रोक दिया। लेकिन जब नेपाल के नागरिक वहां आकर विरोध करने लगे तो मीडिया कर्मियों को भी वहां जाने की इजाजत दी गई।