इन्दौर । इन्दौर नगर निगम के जनकार्य विभाग में बेलदार के रूप में कार्यरत रहे मोहम्मद असलम का निलंबन यथावत रहेगा।
नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने स्पष्ट किया है कि जनकार्य विभाग नगर निगम इन्दौर के बेलदार मोहम्मद असलम पर बिना अनुमति के भवन अनुज्ञा शाखा में प्रवेश करने एवं वरिष्ठ स्तर से जारी किये गये आदेश का पालन न करने की शिकायत प्राप्त होने पर उसे 17 अप्रैल 2018 को तत्कालीन नगर निगम आयुक्त द्वारा निलंबित किया गया।
तत्पश्चात 25 अप्रैल 2018 को तत्कालीन निगम आयुक्त द्वारा मोहम्मद असलम द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुये निलंबन से बहाल किया जाकर विभागीय जांच संस्थित की गई। विभागीय जांच पश्चात 05 जुलाई 2021 के आदेश से नगर निगम आयुक्त द्वारा कर्मचारी मोहम्मद असलम को सेवा से पृथक किया गया।
उक्त आदेश की अपील संभागायुक्त न्यायालय में अपीलार्थी मोहम्मद असलम द्वारा की गई। प्रस्तुत अपील के निराकरण हेतु उभयपक्षों को समस्त रिकोर्ड / दस्तावेज के साथ आहूत किया जाकर सुना गया। दस्तावेजों के अवलोकन एवं दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात चूंकि प्रकरण में आरोपी पर वित्तीय अनियमितता किये जाने संबंधी कोई भी गंभीर आरोप न होने से "न्यायालय आयुक्त इन्दौर संभाग द्वारा यह पाया गया
कि अपीलार्थी पर लगाया गया मात्र अनुशासनहीनता का आरोप प्रमाणित है परन्तु उन पर लगाये गये आरोप की तुलना में दीर्घ शास्ति के रूप में दिया गया सेवा समाप्ति का दण्ड अत्याधिक है।" अतैव उनकी तीन वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाकर उन्हें पुनः नगर निगम सेवा में बहाल किये जाने का आदेश 28 जनवरी 2022 को जारी किया गया।
इस प्रकरण की नस्ती में कर्मचारी मोहम्मद असलम पर लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाही का कोई उल्लेख नहीं है। अपील आदेश प्रस्तुत दस्तावेजों एवं नस्ती के परीक्षण के आधार पर पारित किया गया है। चूंकि यह विभागीय जांच का प्रकरण लोकायुक्त कार्यवाही के पूर्व संस्थित था, इसलिए इसमें लोकायुक्त कार्यवाही के संबंध में कोई भी आरोप उल्लेखित नहीं थे एवं यह एक पृथक अलग प्रकरण है।
आज 03 मार्च 2022 को समाचार पत्र में प्रकाशित खबर में आय से अधिक संपत्ति के मामले में बर्खास्त किये गये बेलदार असलम खान को "संभागायुक्त द्वारा बहाल किया गया" खबर संज्ञान में आने से नगर निगम इन्दौर से लोकायुक्त कार्यवाही संबंधी नस्ती प्राप्त कर अवलोकन किया गया। जिसके अवलोकन से स्पष्ट है कि अगस्त 2018 को लोकायुक्त की कार्यवाही के पश्चात तत्कालीन नगर निगम आयुक्त द्वारा 8 अगस्त 2018 को मोहम्मद असलम को निलंबित किया गया था। जिसमें उसे अभी बहाल नहीं किया गया है।
यह स्पष्ट है कि लोकायुक्त कार्यवाही वाली नस्ती नगर निगम में पृथक से प्रचलित है। जिसका संभागायुक्त न्यायालय के अपीलीय प्रकरण से कोई संबंध नहीं है। लोकायुक्त कार्यवाही संबंधी निगम में प्रचलित नस्ती में निलंबन आदेश दिनांक 08 अगस्त 2018 प्रभावशील है एवं मोहम्मद असलम आज भी निलंबित है।