भोपाल । मध्यप्रदेश का पहला पंचकर्म सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज में बनकर तैयार हो चुका है। इस अस्पताल को उपकरण और स्टाफ के लिए अभी और इंतजार करना होगा। बाकी सुविधाओं के लिए अस्पताल को करीब तीन महीने और लग सकते हैं।अभी तक यहां डॉक्टर और कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। पद सृजित करने का काम भी अभी तक नहीं हो पाया है। इस अस्पताल को पर्यटन के लिहाज से भी तैयार किया जा रहा है। पर्यटकों के लिए 12 तरह के पैकेज बनाए गए हैं।
पांच से 10 दिन का पैकेज होगा। हर दिन का खर्च करीब पांच हजार रुपये आएगा।अस्पताल बनाने के लिए राशि भारत सरकार ने दी है। इसमें उपकरण्ाों के लिए सवा तीन करोड़ और बाकी राशि सिविल कार्य के लिए थी। सिविल कार्य पूरा हो चुका है। पद भ्ारने और उपकरण आने के बाद इसे अप्रैल में शुरू करने के तैयारी है, लेकिन इस प्रक्रिया में करीब तीन महीने लग जाएंगे। यहां पर चिकित्सा अधिकारियों के 10 समेत कुल 74 पद स्वीकृत करने के लिए कालेज प्रबंधन की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
इन पदों के सृजन की मंजूरी कैबिनेट से होनी है। इसके बाद पद भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। पद विज्ञापित होने से लेकर नियुक्ति तक में तीन महीने लग जाएंगे। यानी मई अंत तक ही पद भरे जा सकेंगे। इसी तरह से उपकरणों की खरीदी प्रक्रिया में भी दो महीने का समय लग सकता है। हैप्पी पार्टनर (स्वस्थ संतान पैदा करने के लिए),मोटापा घटाने के लिए , वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए, शरीर का शुद्धीकरण, तनाव प्रबंधन, स्पाइन एवं ज्वाइंट केयर, जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां, स्किन एंड ब्यूटी केयर, प्रसव के बाद की देखभाल के लिए अस्पताल में इलाज उपलब्ध होगा।
पंचकर्म सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में पीपीपी पर सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा सोनोग्राफी, ईएमजी (मस्तिष्क की जांच के लिए ) की मशीनें खरीदी जाएंगी। यह अस्पताल कलियासोत डैम के ऊपर बना होने से प्राकृतिक सौंदर्य अच्छा है। भूतल के अलावा भवन में तीन मंजिल हैं। यहां पर हड्डी, न्यूरोलाजी और अन्य बीमारियों वाले ऐसे मरीजों को भर्ती किया जाएगा जिन्हें पंचकर्म की जरूरत है। मरीजों को भर्ती करने के लिए 50 बिस्तर होंगे। पर्यटकों के लिहाज से तीन सुइट और कुछ प्राइवेट रूम होंगे। इनकी रसोई में स्वास्थ्य वर्धक चीजें उपलध्ब्ध रहेंगी। इस बारे में पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज के प्राचार्य डा. उमेश शुक्ला का कहना है कि अस्पातल का सिविल कार्य लगभग पूरा हो गया है। पद सृजन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उपकरण आ जाएंगे तो हम कोशिश करेंगे कि मौजूदा स्टाफ से ही अस्पताल को शुरू कर दिया जाए।