नई दिल्ली: बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव में संजीव सूर्यवंशी के घर 27 मार्च 2011 को एक बच्चे का जन्म हुआ, जिसका नाम वैभव रखा गया। वैभव के जन्म के समय ही उनके पिता ने ठान लिया था कि अपने लाडले को वह क्रिकेटर बनाएंगे। संजीव सूर्यवंशी ने सपना तो देख लिया था, लेकिन उसे पूरा करने की जिम्मेदारी अबोध वैभव पर था। जब वैभव की उम्र के बच्चे अपनी पीठ पर स्कूल का बैग लेकर पढ़ने जाते थे, तो वह बैट और गेंद के साथ क्रिकेट का किट बैग अपनी पीठ पर लादे रखते थे। इसके साथ ही वह अपने घर से 100 किलोमीटर दूर का सफर तय कर ट्रेनिंग करने जाते थे।वैभव ने भी अर्जुन की भांति अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लिया था कि वह अपने पिता के सपने को साकार कर के रहेंगे। ऐसे में पूरा परिवार उनके साथ लग गया। वैभव की यह कड़ी मेहनत और त्याग ही कि महज 14 साल की उम्र में उनके नाम डंका बज गया है। 14 साल की उम्र में वैभव ने आईपीएल सबसे तेज सेंचुरी लगाकर इतिहास रच दिया है। वैभव के नाम का पूरी दुनिया में शोर मच चुका है। इस उपलब्धि के बाद वैभव ने अपने संघर्ष की गाथा बताई है।
वैभव के लिए रात में 2 बजे उठ जाती थी उनकी मांगुजरात टाइटंस के खिलाफ मुकाबले में सिर्फ 35 गेंद में शतक लगाने वाले वैभव सूर्यवंशी ने बताया कि उनके साथ उनके पूरे परिवार ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए मेहनत की है। उन्होंने कहा, 'जब मैं ट्रेनिंग के लिए जाता था तो मेरी मां मेरे लिए रात के 2 बजे उठकर टिफिन तैयार करती थी। 11 बजे तक वह सो जाती थीं। मेरे कारण वह सिर्फ 3 घंटे की नींद ले पाती थीं। पिता मेरे साथ जाते थे, ऐसे में उनके काम को मेरे भाई ने संभाला। एक समय ऐसा भी आया कि घर चलाना भारी पड़ रहा था। पैसे की तंगी हो गई थी, लेकिन मैं मेहनत करने से पीछे नहीं हटा और आज भगवान ने मुझे उसका फल दिया है। इस सफलता के पीछे मेरी पूरी फैमिली का हाथ है। उन्होंने कहा, 'अभी मुझे और अच्छा करना है, टीम के लिए अपना योगदान देना है, जितना कर सकते हैं। ट्रायल्स में जब मैं गया था को वहां विक्रम राठौर सर मिले थे। ट्रायल में मैंने अच्छा खेल दिखाया तो मैनेजर ने फिर राहुल सर से बात कराई। राहुल द्रविड़ सर के निगरानी में किसी भी क्रिकेटर की ट्रेनिंग एक सपने से कम नहीं है। टीम के सभी सीनियर खिलाड़ियों का भी सपोर्ट मिलता है तो मुझ पर दबाव नहीं रहता है।' पहली गेंद पर सिक्स को लेकर क्या बोले वैभव
वैभव सूर्यवंशी ने लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ आईपीएल में अपना डेब्यू किया था। डेब्यू मैच के पहली गेंद पर वैभव ने शार्दुल ठाकुर को सिक्स लगा दिया। इसे लेकर उन्होंने कहा, 'मेरे लिए ये नॉर्मल था। मैंने इंडिया के लिए अंडर-19 में भी ऐसा किया था। मैंने ये सोचा था कि मैं सिक्स के लिए 8 या 10 गेंद का इंतजार नहीं करुंगा। मेरी रडार में जो गेंद आएगी मैं उसे मारुंगा।
उन्होंने कहा, 'आईपीएल एक बड़ा मंच है, इंटरनेशनल बॉलर इसमें खेलते हैं, उनके खिलाफ बैटिंग करने में थोड़ी घबराहट तो होती है, लेकिन टीम से मुझे ऐसा सपोर्ट मिलता है कि मैं ज्यादा टेंशन नहीं लेता हूं और खुल कर अपनी शॉट खेलता हूं।'