नई दिल्ली । बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज होने के बाद, केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के जम्मू-कश्मीर से पलायन को लेकर कई ट्वीट किए हैं, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडित के मुद्दे को लेकर जो तथ्य जारी किए हैं, उसकी वजह से सोशल मीडिया पर लोग काफी बातें कर रहे हैं। केरल कांग्रेस का कहना है कि कश्मीर में पंडितों से ज्यादा मुसलमानों की ह्त्या हुई। सोशल मीडिया के कई हैंडल्स ने कुछ तस्वीरें ट्वीट की है, इन तस्वीरों में से एक में यासीन मलिक, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह यानी से हाथ मिला रहे है तो दूसरी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ। वैसे, कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही एक-दूसरे को कश्मीरियों के पलायन का ज़िम्मेदार बताती रही है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह कहते हैं कि कई कश्मीरियों को अपना घर छोड़ना पड़ा, इसके लिए जवाहर लाल नेहरू की नीतियां ज़िम्मेदार हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस का पलटवार करते हुए कहना है कि इसके लिये बीजेपी ज़िम्मेदार है। कांग्रेस का कहना है कि विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार, जिसे बीजेपी सपोर्ट कर रही थी, दिसंबर 1989 में आई और कश्मीरी पंडितों का पलायन जनवरी 1990 से शुरू हो गया। तत्कालीन गवर्नर जगमोहन ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। केरल कांग्रेस के हैंडल से ट्वीट में ये भी कहा गया कि पलायन के दौरान बीजेपी, अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर देशभर में हिंदू-मुस्लिम विभाजन की योजना बना रही थी। पंडितों का मुद्दा, चुनावी लाभ के लिए नकली आक्रोश पैदा करने को बीजेपी के प्रचार के हिसाब से था। हालांकि केरल के बीजेपी सांसद केविन अल्फोंस ने इसे ग़लत बताया है। अल्फोंस ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी यह सब नहीं समझती है। कांग्रेस का नरसंहार का इतिहास रहा है। हर कोई जानता है कि कश्मीर से लाखों कश्मीरियों का सफाया किया गया था जो कि बिल्कुल सांप्रदायिक था। अब वे भाजपा को दोष देने के लिए झूठे बयान दे रहे हैं। कांग्रेस और सहयोगियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी थी जहां पंडित जीवित नहीं रह सकते थे।”