चंडीगढ़। राज्य के मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग को गांधी-नेहरू परिवार की हरियाणा में स्थित संपत्तियों की जांच करने का आदेश दिया है। दरअसल, आरोप है कि 2005 से 2010 के बीच गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हरियाणा में कई संपत्तियां जुटाई गई थीं। हरियाणा में 2005 से 2014 के बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार की सरकार थी।
कहा जाता है कि इस दौरान कांग्रेस के कई ट्रस्ट और गांधी-नेहरू परिवार के लिए कई संपत्तियां जुटाई गई थीं। कुछ संपत्तियों की पहले से जांच चल रही है। अब केंद्र सरकार के पत्र के बाद गांधी-नेहरू परिवार की बाकी संपत्तियों की जांच के आदेश दिए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से हरियाणा सरकार को राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट से जुड़ी संपत्तियों की जांच का आदेश दिया गया है।
इसके बाद मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को जांच की जिम्मेदारी दी है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और प्रधानमंत्री राहत कोष से चंदा दिए जाने की खबरों के बाद केंद्र सरकार ने गांधी-नेहरू परिवार से जुड़े ट्रस्ट और फाउंडेशन की जांच का आदेश दिया था। राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच होनी है। इसके लिए एक कमेटी बना दी गई है।
यह कमेटी राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी चंदा सहित कई कानूनों के कथित उल्लंघन के मामलों की जांच की जाएगी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, टीम का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशालय के एक विशेष निदेशक करेंगे। गांधी-नेहरू परिवार से जुड़े ट्रस्ट की जांच पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। राहुल ने कहा था कि पीएम मोदी को लगता है कि पूरी दुनिया उनके जैसी ही है। उन्हें लगता है हर किसी की क़ीमत होती है या डराया जा सकता है। वो कभी नहीं समझेंगे कि जो सच के लिए लड़ते हैं, उन्हें खरीदा और डराया नहीं जा सकता।