नई दिल्ली। यूपी के कानपुर देहात में पिछले साढ़े छह महीने से सस्पेंड इंस्पेक्टर को बहाल करने के मामले में काउंटर हलफनामा दाखिल नहीं करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। नाराजगी के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीजेएम कोर्ट से एसपी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है एसपी को वारंट तामील करवा दिया गया है। 23 मार्च को एसपी को पेश होना है।
जनपद के राजपुर थाने में तत्कालीन तैनात रहे इंस्पेक्टर विनोद कुमार को नाबालिग से छेड़छाड के आरोपों में 31 अगस्त 2021 को निलंबित कर दिया गया था। इंस्पेक्टर के खिलाफ तहरीर के आधार पर छेड़छाड़, पास्को, नाबालिग को धमकाने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। निलंबन अवधि तीन महीने है और इस अवधि में विवेचना भी पूरी होनी चाहिए। तीन महीने में विवेचना पूरी नहीं हुई और ना ही इंस्पेक्टर को बहाल किया गया।
इंस्पेक्टर विनोद कुमार पर छेड़छाड़, नाबालिग को धमकाने व पाक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज है। इससे उन्हें निलंबन अवधि का आधा वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। इसलिए इस्पेक्टर ने हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी। सुनवाई के दौरान एसपी को काउंटर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो बार नोटिस भी जारी किया गया। इसके बाद भी एसपी ना तो कोर्ट में उपस्थित हुए ना ही कोई पक्ष रखा सिर्फ एक बार सरकारी काम में व्यस्तता होने की वजह से उपस्थित ना हो पाने की सूचना भेज दी।
एसपी को दो बार नोटिस जारी होने के बाद भी जब वह कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए तो इस मामले में हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट प्रयागराज ने यह माना की कानपुर देहात एसपी ने न्यायलय के निर्देशों को महत्व नहीं दिया और जवाब भी संतोषजनक नहीं है। इस मामले में कोर्ट ने सीजेएम को जमानती वारंट जारी करने के निर्देश दिए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एसपी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। उसे तामील भी एसपी को करवा दिया गया है।