जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट मामले से जुड़े जिंदा बम केस में कोर्ट ने 4 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और शहबाज को 8 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। ये चारों वही हैं, जो सीरियल बम ब्लास्ट के मुख्य केस में कमजोर इन्वेस्टिगेशन के चलते बरी हुए थे।
एक जिंदा बम चांदपोल बाजार में रामचंद्र जी मंदिर के सामने रेंजर साइकिल पर मिला था। इस केस में बाजी पलट गई। कोर्ट में 5 नए गवाह व सबूत ही इस केस की मजबूती का आधार बने। स्पेशल कोर्ट के जज रमेश जोशी ने आरोपियों को जिन धाराओं में दोषी माना गया है, उसमें अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।
राजस्थान सरकार (अभियोजन पक्ष) की ओर से क्या दलील व सबूत पेश किए गए? इस केस की पैरवी से जुड़े सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) ने बताया कि कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गईं? पढ़िए इस खबर में….
रिटायर्ड मजिस्ट्रेट के केस में पहली बार हुए बयान सरकारी वकील सागर तिवाड़ी ने बताया कि 8 सीरियल ब्लास्ट केस में चारों आरोपियों को हाईकोर्ट ने जब बरी किया तब जांच में कई कमियां बताई थीं। उन कमियों दूर किया गया। राज्य सरकार ने 5 नए गवाहों के बयान भी कराए हैं। इनमें तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेंद्र नैन, तत्कालीन एडीजी ए के जैन, पत्रकार प्रशांत टंडन और साइकिल तैयार करने वाले दिनेश महावर शामिल हैं।
भोपाल के तत्कालीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी तिवाड़ी के स्पेशल कोर्ट में 4 अक्टूबर 2023 को पहली बार बयान दर्ज हुए। तत्कालीन सीजेएम ने अपनी गवाही में कहा कि उन्होंने सैफुर्ररहमान का रिमांड दिया था। इस दौरान उसने जयपुर बम ब्लास्ट में शामिल होने की बात स्वीकारी थी। इसके अलावा पत्रकार प्रशांत व तत्कालीन एडीजी एके जैन ने इंडियन मुजाहिदीन के भेजे गए ईमेल की पुष्टि की थी। तत्कालीन सीआई राजेंद्र नैन ने साइकिल खरीद के बारे में बयान दर्ज कराए। उन्होंने बयान में बताया कि- जांच के दौरान आरोपी मोहम्मद सैफ ने ही साइकिल खरीदने वाली दुकान का पता बताया था।
कोर्ट में पेश किए 112 सबूत राज्य सरकार ने केस में आरोपियों के खिलाफ 112 साक्ष्य, 1192 दस्तावेज, 102 आर्टिकल के साथ ही 125 पेज की लिखित बहस पेश की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा गांधी हत्याकांड जैसे महत्वपूर्ण केस को लेकर दिए गए 111 निर्णयों को भी कोर्ट के सामने रखा। आरोपियों के खिलाफ कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के संबंध में 65 बी के प्रमाण पत्र पहली बार पेश किए, जो मुख्य केस में पेश नहीं किया गया था। हाईकोर्ट ने तब जांच में इसे बड़ी कमी माना था।
इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल ने तेलंगाना में दिए 164 के बयान में बताया था कि रियाज भटकल ने आतिफ अमीन व आरिफ जुनैद को 10 आईईडी यूनिट जयपुर बम ब्लास्ट के लिए उपलब्ध कराई थी। यह तथ्य कोर्ट के सामने रखा गया।
आतंकियों ने ईमेल पर अपने आकाओं को एक वीडियो भेजा था। इसमें साइकिल का फ्रेम नंबर 129489 और कोतवाली में हुए बम विस्फोट के दौरान मिली साइकिल का फ्रेम नंबर एक समान है। ऐसे महत्वपूर्ण सबूत व दस्तावेज भी कोर्ट के सामने रखे हैं।
सभी आरोपी यूपी में आजमगढ़ जिले के रहने वाले हैं। सरवर सरायमीर में रहता है और शेष आरोपी संजरपुर गांव के हैं। सभी नाम से एक-दूसरे को जानते व पहचानते हैं। इनके बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को भी कोर्ट में पेश किया है।