मप्र की करीब 550 पंचायतों को अब स्मार्ट पंचायत बनाने की तैयारी है। इस कैटेगरी में वह पंचायतें शामिल होंगी, जिनमें सड़क, बिजली, पानी की पर्याप्त व्यवस्था के साथ सीवेज और इंटरनेट भी होगा। इसके लिए ड्राफ्ट बनाया जा रहा है। जल्दी ही इसकी गाइडलाइन जारी कर दी जाएंगी। इसके बाद मप्र की 23 हजार ग्राम पंचायतों से आवेदन बुलाए जाएंगे।
आवेदन में उनकी वर्तमान स्थिति यानी अभी विकास कार्य के नाम पर क्या किया है, इसकी जानकारी मांगी जाएगी। जो पंचायत समय सीमा में आवेदन करेगी, उनमें से तय मापदंड के अनुसार पंचायत का चयन करके, उन्हें कुछ टास्क दिए जाएंगे और एक साल तक मॉनीटरिंग की जाएगी। मॉनीटरिंग में मनरेगा के सिप्री सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। इसके बाद जो पंचायत टास्क को पूरा करेगी, उसे स्मार्ट पंचायत कैटेगरी में शामिल किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार इसमें एक गांव वाली पंचायत को प्राथमिकता दी जाएगी। जिस भी पंचायत का चयन होगा, उसे बजट भी दिया जाएगा, लेकिन यह कितना होगा, यह अभी सामने नहीं आया है। फिलहाल मंत्री ने अच्छी पंचायतों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह काम जनपद पंचायत सीईओ के माध्यम से होगा।
स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं पर फोकस
नए प्रोजेक्ट में पंचायत के भीतर दो बातों पर अधिक फोकस किया जाएगा। पहला स्वच्छता और दूसरा मूलभूत सुविधाएं, जैसे 24 घंटे बिजली, पक्की सड़कें और घर–घर पानी। वहीं गांव में नियमित रूप से बैठकें हो और बनाए गए एजेंडे पर काम हो रहा है कि नहीं, इसकी भी निगरानी की जाएगी। बड़ी बात यह है कि इन तमाम कामों की निगरानी अब भोपाल में बैठे अफसर भी ऑनलाइन कर सकेंगे।