भोपाल । प्रदेश के इंदौर जिले में गरीबों के राशन में घपले की आशंका के कारण प्रशासन ने जिले की सभी उचित मूल्य दुकानों की जांच प्रारंभ कर दी है। उचित मूल्य की दुकानों की जांच के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी कर सात दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
इसमें इंदौर जिले की 476 उचित मूल्य दुकानें शामिल हैं। इसमें कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वीकृत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के मुफ्त राशन के अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य शासन की ओर से दिया जाने वाला राशन शामिल है।जांच में अपर कलेक्टर से लेकर एसडीएम, तहसीलदार और सहकारिता, कृषि, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, नाप-तौल विभाग, पशु चिकित्सा विभाग के अलावा जिला व जनपद पंचायत के अधिकारियों को भी लगाया गया है।
इस बीच अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर और एसडीएम मुनीषसिंह सिकरवार ने जंबूड़ी हप्सी की सेवा सहकारी संस्था द्वारा संचालित नैनोद की उचित मूल्य दुकान की जांच कराई। दुकान पर राशन के भौतिक सत्यापन में 5.72 क्विंटल गेहूं, 14.63 क्विंटल चावल, 1.34 क्विंटल शकर कम पाई गई, जबकि 57 किलो नमक अधिक पाया गया। हितग्राहियों से पूछने पर बताया गया कि उन्हें पात्रता के अनुसार सामग्री नहीं दी गई और राशि भी अधिक ली गई। नियमानुसार दुकान के बाहर पीले बोर्ड पर दुकान का विवरण, राशन का स्टाक और मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं की गई थी।
मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश-2015 के प्रविधानों का उल्लंघन पाए जाने पर दुकान के विक्रेता देवकरण बारोड़ के खिलाफ गांधी नगर थाने पर एफआइआर दर्ज कराई गई। हालांकि इस तरह के घपले की आशंका मात्र इंदौर जिले में ही नहीं अपितू प्रदेश भर में है लेकिन कंट्रोल की दुकानों की जांच मात्र इंदौर जिले में हो रही है। शासन को निष्पक्षता से बीते दो साल के राशन दुकानों से बांटे गए राशन की जांच करना चाहिए। ऐसा करने पर कई जिलों में घपले-घोटाले खुलकर सामने आ सकते हैं। उधर इंदौर में फर्जी जमानत के लिए ऋण पुस्तिकाएं छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस संचालक को क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है।
डीसीपी के मुताबिक फर्जी जमानत का गोरखधंधा दस सालों से चल रहा था। पुलिस अभी तक 40 से ज्यादा लोगों की सूची बना चुकी है। आरोपित ने गिरोह के सरगना प्रकाश चावड़ा के साथी सैयद तयैब बदरी के इशारे पर पुस्तिकाएं छापी थी डीसीपी(अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक आरोपित प्रकाश चावड़ा से हुई पूछताछ के आधार पर सैयद तैयब को अमरावती (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया गया था। उसने पूछताछ में बताया कि ऋण पुस्तिकाएं सिख मोहल्ला में जैन की प्रिंटिंग प्रेस पर छपवाई थी। पुलिस ने गुरुवार को जैन को भी गिरफ्तार कर लिया।