नई दिल्ली । इंडोनेशिया ने अपने घरेलू मार्केट को बचाने के लिए पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। इसका सबसे ज्यादा असर भारत को होगा, क्योंकि हम अपनी कुल जरूरत का करीब 60 फीसदी खाने का तेल आयात करते हैं। पाम तेल महंगा होने से सिर्फ खाने के तेल की कीमतों पर असर नहीं पड़ेगा, बल्कि जिन उत्पादों में इसका इस्तेमाल होता हैं, उनकी कीमतें भी बढ़ जाएगी। जानकारों के अनुसार महंगे पाम तेल का असर ब्रेड पर लगाने वाले स्प्रेड से लेकर केक-चॉकलेट, साबुन और शैम्पू सहित दर्जनों उत्पादों पर दिखेगा और यूनीलिवर, प्रॉक्टर एंड गैंबल, नेस्ले जैसी कंपनियां पाम के दाम बढ़ने से दबाव में आ सकती हैं।
इंडोनेशिया पूरी दुनिया के पाम आयात का करीब 50 फीसदी निर्यात करता है, इसका इस्तेमाल तमाम उत्पादों में होता है। एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियां भी बड़ी मात्रा में इस तेल का इस्तेमाल करती हैं। बता रहे हैं कि कौन सी कंपनी पाम तेल का कितना इस्तेमाल कर रही है।
पाम ऑयल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल खाने के तेल की तरह ही होता है। इसके अलावा इस खाने के कई तेलों में मिलाया भी जाता है, जैसे सरसों के तेल में कुछ कंपनियां इस मिलाती हैं। पाम ऑयल का इस्तेमाल शैम्पू, नहाने के साबुन, टूथपेस्ट, विटामिन की गोलियां, मेक-अप आइटम, चॉकलेट आदि में भी होता है, यानी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां पाम ऑयल की एक बड़ी ग्राहक हैं। इतना ही नहीं, पेट्रोल-डीजल में जहां कहीं जैविक ईंधन या बायो-फ्यूल मिलाया जाता है, वह दरअसल पाम ऑयल ही होता है यानी गाड़ियों के चलने में भी पाम ऑयल का अहम रोल है। पाम ऑयल पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वनस्पति तेल है। दुनिया भर के करीब 50 फीसदी घरेलू उत्पादों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है।
यूनीलीवर ने 2016 में बताया था कि वह 10 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है। उसने कहा था कि वह कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री का सबसे बड़ा यूजर है यानी उसके प्रोडक्ट्स में पाम ऑयल का खूब इस्तेमाल होता है। मतलब पाम ऑयल निर्यात बंद होने से यूनीलीवर पर तगड़ा असर होगा और कंपनी के प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।
2020 में किटकैट चॉकलेट बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने करीब 4.53 लाख टन पाम ऑयल खरीदा था। इसमें से अधिकतर पाम ऑयल इंडोनेशिया से आया, जबकि कुछ मलेशिया से खरीदा गया। कंपनी लेटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों से भी पाम ऑयल खरीदती है। प्रॉक्टर एंड गैंबल ने 2020-21 में करीब 6.05 लाख टन पाम ऑयल खरीदा। इसका इस्तेमाल कंपनी के फैब्रिक, होम केयर कैटेगरी और कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है। ओरियो बिस्कुट बनाने वाली कंपनी मॉन्डलेज इंटरनेशल भी भारी मात्रा में पाम ऑयल खरीदती है।