नई दिल्ली । भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एक रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे पहुंच गए हैं। भारत अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अफगानिस्तान से संबंध ठीक करने की महत्वपूर्ण कोशिश कर रहा है। एक तरफ जहां पूरी दुनिया का ध्यान रूस-यूक्रेन की तरफ है।
वहीं भारत अपने पड़ोसी मुल्क के साथ संबंध सही करने में जुटा हुआ है। खबर के मुताबिक इस सम्मेलन में अफगानिस्तान में तालिबान शासन के काम की समीक्षा की जाएगी। तालिबान शासन पर कब्जे के बाद किये गए वादों से मुकरने का आरोप है। तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों को लेकर कहा था कि वह किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाएगा। लेकिन अब तालिबान लगातार अपने वादों को तोड़ रहा है।
वहीं सम्मेलन से पूर्व तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बताया कि वे दोहा समझौते का पालन कर रहे हैं। साथ ही किसी को भी पड़ोसी और क्षेत्रीय देश के खिलाफ आतंक के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। शाहीन ने यह भी कहा कि अगर किसी पड़ोसी देश को दिक्कत है तो हम शांतिपूर्ण तरीके से उस परेशानी का हल ढूंढ़ने को तैयार हैं। हम चाहते हैं अफगानिस्तान भी व्यापार का केंद्र बने, इसके लिए हम सभी देशों से अच्छे संबंध चाहते हैं।
बता दें कि भारत के लिए ये सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजील डोभाल के दुशांबे सम्मेलन में आतंकवाद पर जोर देने की उम्मीद है। तालिबान ने अब तक भारत की सुरक्षा के खिलाफ कुछ भी नहीं किया है। साथ ही भारत ने मदद के तौर पर 50 हजार मीट्रिक टन गेंहू अफगानिस्तान को भेजा है, जिसकी तारीफ तालिबान ने की है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ताजिकिस्तान में होने वाले सम्मेलन में रूस, चीन, ईरान और सभी मध्य एशियाई देशों के साथ शामिल होंगे, वहीं द्विपक्षीय बैठक की भी संभावना है।