नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने तथा वैश्विक हितों के खिलाफ राजनीतिक बाधाओं को दूर करने को लेकर आशान्वित है। मोदी सरकार के आठ वर्ष: विदेशी सम्पर्क में बदलाव विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत जैसी राजनीतिक व्यवस्था में कानून आधारित प्रणाली को मजबूत बनाना स्वभाविक है और हम योगदान करने के सभी अवसरों को महत्व देते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर), आस्ट्रेलिया समूह, वासेनार समझौता में भारत की सदस्यता महत्वपूर्ण है और ये सभी समूह बहुस्तरीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाएं हैं। पर्याप्त परमाणु उद्योग वाले देश के रूप में हम परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने और वैश्विक हितों के खिलाफ राजनीतिक बाधाओं को दूर करने को लेकर आशान्वित हैं।
गौरतलब है कि 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह देशों का विशिष्ट समूह है जो परमाणु प्रौद्योगिकी एवं विखंडनीय सामग्रियों के कारोबार से जुड़ा है, साथ ही यह परमाणु हथियारों के अप्रसार से भी जुड़ा हुआ है। चीन परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने के प्रयासों का इस आधार पर विरोध करता है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किया है।