कीव । भारी तनाव के बीच यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रूस समर्थित अलगाववादियों के कब्जे वाले शहर डोनेट्स्क में एक कार में जोरदार धामाका हुआ है। माना जा रहा है कि यह पुतिन के 'फॉल्स फ्लैग अभियान' की शुरुआत है जिसकी अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं। यह यूक्रेन पर रूसी हमले का पहला चरण भी हो सकता है जिसका अमेरिका लगातार दावा कर रहा है। डोनेट्स्क के मुख्यालय के पास शुक्रवार देर रात एक कार बम ब्लास्ट हुआ, जिसमें एक जीप पूरी तरह से तबाह हो गई जो क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रमुख डेनिस सिनेंकोव की थी।
उनके घायल होने की सूचना नहीं है। खबर के मुताबिक रूस की सरकारी मीडिया ने सबसे पहले इस धमाके की जानकारी दी और तस्वीर जारी की। अगर फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन को लेकर पश्चिम की चेतावनी सच साबित होती है, तो इसका मतलब है कि पुतिन की सेना ने खुद कार को बम से उड़ाया ताकि यह दावा किया जा सके कि यूक्रेन का पूर्वी क्षेत्र और इसमें रहने वाले रूसी नागरिकों पर हमले का खतरा मंडरा रहा है। इस 'बहाने' का इस्तेमाल करके रूसी सैनिक और टैंक सीमा पार करते हुए यूक्रेन पर हमला कर सकेंगे।
इस विस्फोट से कुछ घंटे पहले अलगाववादी के कब्जे वाले दोनों क्षेत्रों के नेताओं ने घोषणा करते हुए कहा कि वे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के निकासी की योजना बना रहे हैं। अलगाववादी नेताओं ने अपनी लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह क्षेत्र में खून-खराबे से बचने के लिए जितना जल्दी हो सके रूस चले जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि कीव सरकार हमले की योजना बना रही है। वहीं यूक्रेन ने इन आरोपों को खारिज किया है। यूक्रेन ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलगाववादियों के कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन के इलाकों में रूस की उकसावे की कार्रवाई की निंदा करने की अपील की। यूक्रेन ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो मॉस्को इस स्थिति को और बिगाड़ देगा। माना जाता है कि पूर्वी यूक्रेन के दोनों क्षेत्रों, जिस पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा है, में लाखों की आबादी रहती है। इनमें ज्यादातर लोग रूसी भाषी हैं और कइयों ने तो रूस की नागरिकता भी हासिल कर ली है।
शुक्रवार को इस क्षेत्र में भीषण गोलाबारी हुई जिसे लेकर अलगाववादियों और कीव सरकार ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। शनिवार को रूस परमाणु मिसाइल अभ्यास करने जा रहा है जिसे देखने के लिए खुद पुतिन मौजूद रहेंगे। यह अभ्यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन सीमा पर मौजूद रूसी सैनिकों की संख्या 190,000 तक पहुंच गई है। इसमें रूसी टैंक, तोपें, हेलिकॉप्टर्स, लड़ाकू विमान और मिसाइल बैटरियां भी शामिल हैं।