अयोध्या। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा के साथ भावी निर्माण की रुपरेखा भी तय की गई। इसके अन्तर्गत जहां यात्री सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया तो दूसरी ओर सुरक्षा मानकों के लिहाज से भी आवश्यक निर्माण पर भी मंथन किया गया। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी मानते हैं कि सुरक्षा के दृष्टिगत रामजन्मभूमि हमेशा से संवेदनशील रहा है। अब जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो इसकी सुरक्षा का मसला पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर है। मालूम हो कि विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के बाद पूरे परिक्षेत्र की दशा-दिशा बदल जाएगी और नया वातावरण सृजित होगा। बदली स्थितियों में सुरक्षा ढांचे का भी बदलना तय है। यही कारण था कि मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र के ही सुझाव पर बीएसएफ के पूर्व डीजी व प्रधानमंत्री के निवर्तमान सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा को रामजन्मभूमि का सुरक्षा सलाहकार नामित किया जा चुका है। उन्होंने भावी सुरक्षा का फुलप्रूफ प्लान अपनी ओर से तैयार किया। इसके अतिरिक्त रामजन्मभूमि की स्थाई सुरक्षा समिति ने जिले के आला अधिकारियों के साथ मिलकर भी अलग प्लान सुझाया है। वहीं करीब डेढ़ माह पहले यहां राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीम भी सुरक्षा आडिट करके गई थी। इस टीम ने भी आकस्मिक एक्शन प्लान बनाया। वहीं सीआईएसएफ के सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम भी यहां आकर निरीक्षण के बाद अपने सुझाव दे चुकी है। सीआईएसएफ को एयरपोर्ट समेत औद्योगिक संस्थान की सुरक्षा का खासा अनुभव है। इन्हीं अनुभवों के आधार पर प्लान तैयार किया गया है। अलग-अलग एजेंसियों की ओर से बनाए प्लान का समेकित स्वरूप भारत सरकार व राज्य सरकार की ओर से तैयार किया गया है। इसी प्लान के अन्तर्गत परिसर के भीतरी हिस्से के आवश्यक निर्माण का दायित्व रामजन्मभूमि ट्रस्ट पर ही है जबकि परिसर से बाहर की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के ओएसडी व रामजन्मभूमि मामले के विशेषज्ञ एके सिंह का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था कोई वस्तु नहीं है जिसका स्थान निर्धारित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सजीव व्यवस्था है और परिवर्तनशील है। समय के साथ नई तकनीक आ रही है, उसके अनुसार अपग्रेडेशन होता रहता है। ऐसी स्थिति में कब क्या और कैसी व्यवस्थाएं होंगी, यह घोषित करना संभव नहीं हो सकता है। बस सदैव एलर्ट रहना है। इसके लिए हर दिन समीक्षा होती है।