विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों की ओर क्या दोबारा कर लिया है रुख? आंकड़ों से समझिए
Updated on
31-03-2025 01:43 PM
नई दिल्ली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च के आखिरी छह कारोबारी दिनों में भारतीय शेयर बाजार में खूब पैसा लगाया। उन्होंने इस दौरान लगभग 31,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह निवेश आकर्षक मूल्यांकन, रुपये में मजबूती और बेहतर आर्थिक संकेतों के कारण हुआ। एफपीआई के लिवाल बनने से निफ्टी में लगभग छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, इस निवेश के बावजूद मार्च में एफपीआई की कुल निकासी 3,973 करोड़ रुपये रही। इससे पहले, एफपीआई ने फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में फिर से दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने मार्च के अंतिम दिनों में जमकर खरीदारी की। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने 31,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया। इससे पहले, वे लगातार पैसा निकाल रहे थे। लेकिन, अब उन्होंने रुख बदल दिया है।
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने मार्च में भारतीय शेयर बाजार से 3,973 करोड़ रुपये निकाले हैं। लेकिन, 21 मार्च से 28 मार्च तक उन्होंने शेयरों में 30,927 करोड़ रुपये डाले। इससे पता चलता है कि महीने के अंत में एफपीआई ने जोरदार खरीदारी की।
सितंबर 2024 से बाजार में 16% की गिरावट आई थी
विजयकुमार ने एफपीआई के इस बदलाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पहले एफपीआई लगातार बेच रहे थे। लेकिन, अब वे खरीदारी कर रहे हैं। इसकी कई वजहें हैं। सितंबर 2024 से बाजार में 16 फीसदी की गिरावट आई थी। इससे शेयरों के दाम आकर्षक हो गए थे। रुपये में भी मजबूती आई है। इसके अलावा, जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन और महंगाई के आंकड़े भी अच्छे रहे हैं। इन सब कारणों से एफपीआई का भारतीय बाजार में भरोसा बढ़ा है।
बीडीओ इंडिया के भागीदार मनोज पुरोहित ने कहा कि सेबी ने एफपीआई के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। इससे एफपीआई को भारत में निवेश करने में आसानी होगी। इसलिए वे उत्साहित हैं।
एफपीआई के रुख में बदलाव की वजह
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के हिमांशु श्रीवास्तव ने भी एफपीआई के रुख में बदलाव की वजह बताई। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है। निवेशकों को भारत पर भरोसा है। इसलिए एफपीआई निवेश कर रहे हैं।
एफपीआई के निवेश का भारतीय शेयर बाजार पर अच्छा असर पड़ा है। निफ्टी में छह फीसदी की वृद्धि हुई है। इससे निवेशकों को फायदा हुआ है। अगर एफपीआई का निवेश जारी रहता है तो बाजार में और भी तेजी आ सकती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एफपीआई का निवेश कई चीजों पर निर्भर करता है। इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था, राजनीतिक माहौल और कंपनियों के प्रदर्शन जैसे कारक शामिल हैं। इसलिए, निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
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