गांधीनगर | गुजरात में आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन-2022 का आयोजन करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वैश्विक नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। गुजरात की इस पुण्यशाली भूमि में सभी का स्वागत करते हुए पटेल ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियां प्रचलन में रही हैं। इन प्राचीन उपचार पद्धतियों को प्रधानमंत्री ने वैश्विक फलक पर स्थापित किया है। जिसके परिणामस्वरूप जामनगर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सेंटर आने वाले समय में पारंपरिक औषधी के क्षेत्र में ग्लोबल नॉलेज का एपिसेंटर बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण ही योग-प्राणायाम को दुनियाभर में विशिष्ट पहचान मिली है। संयुक्त राष्ट्र के समक्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के उनके प्रस्ताव को सबसे अधिक देशों ने हर्ष के साथ स्वीकार किया था। योग-प्राणायाम के बाद भारत की प्राचीन उपचार पद्धतियों को भी प्रधानमंत्री ने वैश्विक फलक पर भलीभांति स्थापित किया है। पटेल ने कहा कि पूरी दुनिया में पारंपरिक औषधियों का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर गुजरात को मिला है, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रिवेंटिव मेडिसिन के महत्व को स्वीकारते हुए पूरी दुनिया ने योग, प्राणायाम और आयुर्वेद से प्रेरित स्वस्थ जीवन शैली को अपनाया है। योग, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध जैसी चिकित्सा पद्धतियां जीवन शैली पर आधारित हैं। ये न केवल मानव शरीर के बारे में बल्कि मानव मन का भी विचार करती हैं। इसके अंतर्गत मरीज के आसपास के वातावरण और उसके कर्मों को भी ध्यान में रखकर उपचार किया जाता है। चिकित्सा के इस समग्र दृष्टिकोण के प्रति अब दुनियाभर के लोगों का ध्यान आकृष्ट हुआ है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दुनियाभर के लोग धीरे-धीरे वैकल्पिक उपचार के रूप में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को अपना रहे हैं, तब रोग का उपचार ही नहीं बल्कि रोग हो ही ना, ऐसी प्रिवेंटिव मेडिसिन की हिमायत भारत के प्राचीन शास्त्रों में की गई है। अब समय आ गया है कि रोग के उपचार से अधिक बल रोग के निवारण पर दिया जाए ताकि रोग हो ही ना। उन्होंने विश्वास जताया कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लंबे अनुभव के जरिए भारत इस दिशा में पूरी दुनिया को नेतृत्व प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन में होने वाला विचार-मंथन दुनियाभर के लोगों की हेल्थकेयर का अमृत काल बनेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को प्रेरक बल प्रदान करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत को पारंपरिक औषधियों का हब बनाने में गुजरात अहम भूमिका अदा करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के नागरिकों में योग, प्राकृतिक औषधी और पारंपरिक चिकित्सा के प्रति आदर और रुचि है। इतना ही नहीं, गुजरात सदियों से विशेषज्ञ वैद्यों की भूमि रहा है, तब यह समिट अहम साबित होगी। गुजरात के लोग दुनियाभर में अपनी उद्यमिता के लिए जाने जाते हैं। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में गुजरात देश का अग्रणी राज्य है। गुजरात में उद्योग-प्रोत्साहक नीतियां, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी कारोबारी सुगमता, लॉजिस्टिक्स ईज और एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस जैसे पहलुओं के कारण भारत को पारंपरिक औषधियों का हब बनाने में गुजरात महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के ज्ञान का समग्र विश्व में प्रसार करने का स्वर्णिम अवसर है। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मूल्य में विश्वास करने वाली भारतीय संस्कृति ने सदैव यह कामना की है कि पूरी दुनिया का कल्याण हो तथा विश्व में प्रत्येक व्यक्ति निरामय जीवन जिये। पारंपरिक औषधि विद्या के विकास से विश्व को रोगमुक्त बनाने की दिशा में यह शिखर सम्मेलन अहम भूमिका निभाएगा। पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ का हमारा परम्परागत मंत्र हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से साकार करने में यह समिट उपकारी सिद्ध होगी