पाकिस्तान से तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सेना को टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) को सक्रिय करने का आदेश दिया है। थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत टेरिटोरियल आर्मी के किसी भी सैन्य अधिकारी या जवान को सेना की मदद के लिए बुला सकते हैं।
टेरिटोरियल आर्मी एक अर्द्धसैनिक बल है। इसे सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहते हैं। यह देश में कई बड़े ऑपरेशनों में काम कर चुकी है और युद्ध मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति के जवानों की परछाई बनकर ठीक उनके पीछे मदद के लिए तैयार रहती है।
अभी इसके 50 हजार सदस्य हैं, जो 65 विभागीय यूनिट्स (जैसे रेलवे, आईओसी) और गैर विभागीय इन्फेंट्री व इंजीनियर बटालियन में हैं। इनकी ट्रेनिंग सेना की तरह ही होती है।
जंग में हमेशा सेना का साथ दिया
टेरिटोरियल आर्मी 1962, 1965, 1971, 1999 की लड़ाई और प्राकृतिक आपदाओं में जरूरी सेवाओं को बहाल करने में अहम भूमिका निभा चुकी है। अच्छी बात यह है कि टेरिटोरियल आर्मी को भी उनकी वीरता के लिए सम्मानित किया जाता है। बीते 77 साल में टेरिटोरियल आर्मी को 1 कीर्ति, 5 अतिविशिष्ट सेवा मेडल, 5 वीर, 5 शौर्य चक्र, 74 सेना मेडल, 28 विशिष्ट सेवा मेडल, समेत 402 पदक मिले हैं।
कब अस्तित्व में आई टेरिटोरियल आर्मी?
शुरुआत 18 अगस्त 1948 को 11 यूनिट्स के साथ हुई थी। 9 अक्टूबर 1949 को देश के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने इसका मुख्यालय शुरू किया था। इसलिए 9 अक्टूबर को टेरिटोरियल आर्मी डे मनाते हैं। आजादी के बाद इसमें इन्फेंट्री, इंजीनियरिंग, सिग्नल जैसी यूनिट्स बनीं। यह अंशकालिक अतिरिक्त बल है, जो गैर लड़ाकू काम करता है।
इसमें कौन भर्ती होता है?
ऐसे युवा जो किसी भी क्षेत्र में नौकरी या व्यवसाय कर रहे हैं, वह भी अंशकालिक रूप से टेरिटोरियल आर्मी में शामिल हो सकते हैं। ऐसे नौजवान जो किसी कारण से सेना में भर्ती नहीं हो पाते या ऐसे रिटायर्ड सैन्य कर्मी, जो सेना में रहकर देशसेवा करना चाहते हैं, उन्हें भर्ती में तवज्जो मिलती है।
इसकी भर्ती टेरिटोरियल आर्मी समय-समय पर अपनी वेबसाइट और स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के तहत निकालती रहती है।
इसमें भर्ती कैसे होती है?
लिखित परीक्षा से भर्ती। पूर्व सैनिकों को परीक्षा से छूट है। भर्ती की न्यूनतम उम्र 18 और अधिकतम 42 साल है। स्नातक, शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना जरूरी।
कब तक नौकरी कर सकते हैं?
कम से कम 7 साल। सेना की तरह इसमें पदोन्नत होकर कमीशंड भी होते हैं। ऐसे लोगों को 20 साल की फिजिकल सर्विस के बाद पेंशन भी मिलती है। जू. कमीशन्ड ऑफिसर, नॉन कमीशन्ड ऑफिसर, अन्य कार्मिक पद हैं। लीव एनकैशमेंट, एलटीए भी देते हैं। सैलरी 16 हजार से 63 हजार रु. महीना तक।
कैसे होती है इनकी ट्रेनिंग?
सेना के नियमित जवानों से थोड़ी अलग। शुरुआत में 6 महीने की प्री कमीशंड ट्रेनिंग। फिर हर साल दो महीने का ट्रेनिंग कैंप होता है। यह अनिवार्य होता है। इस दौरान वेतन भी देते हैं। नियुक्ति के पहले दो साल में 3 महीने की पोस्ट कमीशनिंग ट्रेनिंग भी।
32 बटालियन, इनमें से 14 की हो सकती है तैनाती...
अभी टेरिटोरियल आर्मी में 32 इन्फेंट्री बटालियन हैं। इनमें से 14 को दक्षिणी कमान, पूर्वी कमान, पश्चिमी कमान, मध्य कमान, उत्तरी कमान, दक्षिण पश्चिमी कमान, अंडमान और निकोबार कमान और आर्मी ट्रेनिंग कमांड के इलाकों में तैनात किया जा सकता है। अगर रक्षा मंत्रालय के अलावा किसी और मंत्रालय के कहने पर इन यूनिट्स को तैनात किया जाता है, तो उसका खर्च उस मंत्रालय को ही देना होगा। यह पैसा रक्षा मंत्रालय के बजट में शामिल नहीं होगा।