भोपाल। जनजातीय कार्य एवं अनूसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट से अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगों के लिये विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिये विभिन्न विभागों की योजनाओं में वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान 24 हजार 911 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये 26 हजार 941 करोड़ प्रावधान प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति कल्याण के लिये विभिन्न विभागों की योजनाओं में वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान 17 हजार 980 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये 19 हजार 20 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि बजट में एक नई योजना अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिये रोजगारमूलक आर्थिक सहायता के लिये 60 करोड़ रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है। मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश वन औषधियों का खजाना है, जिनके संग्रहण और प्र-संस्करण से रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे। इस दिशा में "देवारण्य योजना" से औषधि एवं ऐरोमेटिक पौधों की पैदावार बढ़ाने के लिये वन क्षेत्रों के निवासियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंत्री सुश्री सिंह ने कहा कि इस योजना से जनजातीय वर्ग का आर्थिक उन्नयन होगा।
मंत्री सुश्री सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों को दिये जाने वाले लाभांश की राशि 70 प्रतिशत से बढ़कार 75 प्रतिशत की जाये। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने "पेसा अधिनियम" के अनुरूप वनों का पारम्परिक प्रबंधन ग्राम सभा को सौंपने का निर्णय लिया है। वन समितियों को काष्ठ से होने वाली आय का 20 प्रतिशत उपलब्ध कराने का फैसला भी लिया गया है।
मंत्री सुश्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2022-23 में 15 जनजातीय कन्या महाविद्यालयीन छात्रावासों को नवीन भवनों में संचालित किया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त 6 विशिष्ट क्रीड़ा परिसर संचालित करने का भी लक्ष्य है। विशेष पिछड़े जनजातीय समुदाय-बैगा, भारिया, सहरिया के लिये अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इस वर्ग के युवाओं को आजीविका के नये अवसर मिलें, इस उद्देश्य से श्योपुर, शहडोल, डिण्डोरी, मंडला एवं छिंदवाड़ा जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण कौशल विकास केन्द्रों का निर्माण लगभग पूर्णता की ओर हैं।
मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। इसके लिये अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम को सुदृढ़ किया जायेगा। बजट में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के लिये रोजगारमूलक आर्थिक सहायता के लिये 40 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।