नई दिल्ली । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआईएम) के पोलित ब्यूरो में पहली बार किसी दलित नेता को चुना गया है। पश्चिम बंगाल के वामपंथी नेता रामचंद्र डोम हो यह उपलब्धि हासिल हुई है। इसके साथ ही पार्टी ने लगातार तीसरी बार सीताराम येचुरी को महासचिव चुन लिया है। केरल के कन्नूर में हुए 5 दिन के अधिवेशन में यह चुनाव हुए। सीपीआईएम का अधिवेशन इसी रविवार, 10 अप्रैल को संपन्न हुआ है।
इसमें 85 सदस्यों वाली नई केंद्रीय समिति का भी चयन हुआ है। इसके प्रमुख सदस्यों में सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, पिनराई विजयन, कोडियारी बालाकृष्णन, बृंदा करात, माणिक सरकार, एमडी सलीम, सूर्यकांता मिश्रा, बीवी राघवुलु, तपन सेन, नीलोत्पल बासु, एमए बेबी, सी रामकृष्णन, सुभाषिनी अली, रामचंद्र डोम, अशोक धवले और ए विजयराघवन हैं। बताया जाता है कि 75 साल की उम्र सीमा पूर कर चुके 16 नेताओं को पोलित ब्यूरो से जगह नहीं दी गई है। इनमें एस रामचंद्रन पिल्लई, बिमान बोस व हन्नान मोल्ला प्रमुख हैं।
खबरों के मुताबिक, सीपीआईएम की केंद्रीय समिति में एक पद अधिवेशन के दौरान ही खाली भी हो गया। दरअसल, केंद्रीय समिति में सदस्य चुनी गईं एमसी जोसेफाइन का 10 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इससे उनका पद खाली हो गया। इस पर अब चुनाव बाद में होगा।
अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सीताराम येचुरी ने कहा वर्तमान में भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को मात देना सबसे बड़ी चुनौती है। भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ढांचे की सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी भी है। इसके लिए कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों सहित सभी को मिलकर काम करना होगा। सिर्फ अपने हितों को ऊपर रखने वाली सोच छोड़नी होगी।