गुवाहाटी । असम में मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ विकराल रूप ले चुकी है। कई नए इलाकों में पानी घुस गया है। शुक्रवार को 29 जिले बाढ़ से प्रभावित थे, लेकिन शनिवार को इनकी संख्या बढ़कर 31 हो गई है। इस प्राकृतिक आपदा में चार और लोगों की जान चली गई है। इसके बाद मरने वालों की कुल संख्या 18 हो गई है।
हालांकि बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या में मामूली कमी आई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (एएसडीएमए) के मुताबिक,
6,80,118 लोग इस आपदा से प्रभावित हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एएसडीएमए ने बताया कि नगांव पर बाढ़ का सबसे बुरा असर पड़ा है।
यहां पर 3।39 लाख लोग इसकी वजह से प्रभावित हुए हैं। उसके बाद कछार में 1।77 लाख और होजाई में 70,233 हजार लोगों की जिंदगी पर बाढ़ ने असर डाला है। एएसडीएमए ने बताया कि 282 राहत कैंपों में बाढ़ प्रभावित
74,907 लोगों ने शरण ले रखी है।
214 राहत वितरण केंद्रों से लोगों को आवश्यक सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों मे सेना, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा ट्रेंड वॉलंटियर्स और तमाम एजेंसियों के लोग जुटे हुए हैं। होजई जिले में प्रभावित लोगों की मदद के लिए 3 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है।
बाढ़ प्रभावित दीमा हसाओ के मुख्यालय हाफलोंग से आई खबरें बताती हैं कि जिले के सभी इलाकों में दूरसंचार की सेवाओं को फिर से चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे ने बताया कि लामडिंग-बदरपुर हिल सेक्शन में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है और पानी भर गया है। इसकी वजह से 11 जोड़ी ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। 5 जोड़ी ट्रेनों को गंतव्य से पहले ही टर्मिनेट करना पड़ा। जगह-जगह लैंडस्लाइड और जलभराव की वजह से कई जगह ट्रेन सेवाएं पिछले एक हफ्ते से प्रभावित हैं।
एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि प्रभावित क्षेत्रों के सभी हिस्सों से तटबंधों, सड़कों, पुलों, घरों और अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान की खबरें आ रही हैं। एक समीक्षा बैठक में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ को आश्वासन दिया कि दीमा हसाओ जिले में जटिंगा और हरंगाजाओ के बीच सड़क के एक हिस्से में यातायात एक सप्ताह के भीतर बहाल कर दिया जाएगा।