आन्ध्र प्रदेश के किसान पुन: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का लाभ ले सकेंगे। राज्य और केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में मंगलवार को यह निर्णय लिया है। इस मुद्दे को लेकर आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के बीच एक वर्चुअल बैठक हुई। जिसके बाद राज्य ने योजना को लागू करने को लेकर हरी झंडी दी।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी पीएमएफबीवाई से पुनः जुड़ने का निर्णय लिया है। यह कदम सराहनीय है। किसानों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। जिसके लिए वह राज्य के मुख्यमंत्री रेड्डी को बधाई देते हैं। तोमर ने कहा कि इस महत्वपूर्ण फैसले से राज्य के 40 लाख से अधिक किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बीमा रूपी सुरक्षा कवच मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के सुझाव के अनुसार पीएमएफबीवाई को सरल व सुविधाजनक बनाया है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर किसानों की स्थिति सुधारते हुए उन्हें समृद्ध बनाने और कृषि को उन्नत खेती के रूप में बदलने के लिए निरंतर काम कर रही है।
आंध्र के मुख्यमंत्री रेड्डी ने राज्य में पीएमएफबीवाई को फिर से लागू करने को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। बैठक में रेड्डी ने कहा कि केंद्र से चर्चा के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों को पीएमएफबीवाई से जोड़ना तय किया है।
उल्लेखनीय है कि आंध्र ने खरीफ-2022 सीजन से पीएमएफबीवाई को लागू करने का निर्णय है। आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने फरवरी-2020 में इस योजना को नया रूप देते हुए नई सुविधाओं, जैसे- सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक नामांकन, उपज अनुमान में प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग, जोखिम कवरेज चुनने के लिए राज्यों को विकल्प एवं प्रचलित जोखिम प्रोफाइल के अनुसार बीमा राशि का भुगतान, प्रशासनिक खर्चों के लिए 03 फीसदी का प्रावधान किया गया।