कोलंबो । श्रीलंका में आर्थिक मंदी के बीच देश में बिजली संकट शुरू हो गया है। इस क्रम में श्रीलंकाई सरकार ने हर दिन होने वाली बिजली कटौती में बढ़ोतरी कर दी है। आलम यह हैं कि हर दिन दस घंटे तक लोगों को बिना बिजली रहना पड़ रहा है। बिजली ऊर्जा के उत्पादन के लिए ईंधन की उपलब्धता नहीं होने से पूरे श्रीलंका में बिजली बुधवार से सात घंटे से बढ़कर दस घंटे कर दी गई है।
विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण श्रीलंका आर्थिक संकट के साथ ही भीषण ऊर्जा संकट से भी जूझ रहा है।इसकारण सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं।
श्रीलंकाई अधिकारियों के अनुसार ईंधन की कमी के कारण दसियों हजार लोग पेट्रोलियम उत्पादों के लिए पेट्रोल पंपों के बाहर खड़े हुए हैं। श्रीलंकाई लोग हर दिन भारी बिजली कटौती का भी सामना कर रहे हैं। विदेशी मुद्रा की कमी आयात संबंधी प्रतिबंधों के कारण हुई है। इसकारण द्वीप देश में हर दिन दस घंटे बिजली कटेगी। इससे पहले, पिछले एक महीने से पूरे देश में सात घंटे बिजली काटी जा रही थी। पब्लिक यूटिलिटी कमीशन के अध्यक्ष जनक रत्नायके ने बताया कि थर्मल पावर को चलाने के लिए ईंधन की कमी है, इसकारण 750 मेगावाट बिजली की कमी हो गई है।
सरकारी सीलोन पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीपीसी) ने मोटर चालकों से कहा है कि वह डीजल खरीदने के लिए बुधवार और गुरुवार को पेट्रोल पंपों के आगे लाइन लगाकर न खड़े रहें। चूंकि श्रीलंका सरकार जहाज पर आए पेट्रोलियम उत्पादों का भुगतान नहीं कर पाई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुई है कि यह जहाज कहां से आया है।
सीपीसी के मुताबिक जहाज की अनलोडिंग शुक्रवार को होगी। श्रीलंकाई ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे ने बताया कि सरकार एलआइओसी से 6 हजार मीट्रिक टन डीजल की तत्काल आपात खरीद करेगी। एलआइओसी दरअसल इंडियन आयल कारपोरेशन की श्रीलंकाई शाखा है। भारत से कर्ज के तहत मिलने वाला यह डीजल श्रीलंका में गुरुवार को पहुंचेगा। भारत ने हाल ही में घोषणा की थी कि एक अरब डालर का तेल श्रीलंका को वित्तीय सहायता के रूप में दिया जा रहा है।