नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सरकार ने रिफंड तेज किया है, इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्रत्यक्ष कर रिफंड 16 प्रतिशत कम हुआ है। रिफंड या आयकर विभाग की ओर से नकदी प्रवाह जून के अंत तक 64,428 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 76,575 करोड़ रुपए था। कर अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उपस्थिति कम रहने और बड़े रिफंड को मंजूरी मिलने में देरी की वजह से हुआ, जिसके लिए अधिकारियों की अनुमति की जरूरत होती है। विड के आर्थिक असर से निपटने के लिए नीतिगत पहल के तहत सरकार ने 5 लाख रुपए तक के रिफंड में तेजी लाने की घोषणा की थी। शुक्रवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि 8 अप्रैल से 30 जून के बीच कर रिफंड के प्रति मिनट 76 मामले निपटाए गए। इस अवधि के दौरान सिर्फ 56 कार्य दिवस में सीबीडीटी ने 20.4 लाख मामलों से ज्यादा निपटाए हैं, जिनकी कुल राशि 62,361 करोड़ रुपए है। 30 जून को समाप्त तिमाही में कॉर्पोरेशन कर रिफंड 40,482 करोड़ रुपए रहा और इसमें से आयकर 23,828 करोड़ रुपए रहा।