अहमदाबाद में हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद अब मध्यप्रदेश कांग्रेस मई माह में प्रादेशिक अधिवेशन आयोजित करने जा रही है। यह अधिवेशन 12 से 18 मई के बीच जबलपुर में आयोजित किया जाएगा। आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
इस अधिवेशन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता, संगठन पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल होंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस अधिवेशन में आगामी चुनावी रणनीति, संगठनात्मक मजबूती और जन आंदोलनों की रूपरेखा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।
15 दिनों में होंगी ताबड़तोड़ नियुक्तियां प्रदेश स्तरीय अधिवेशन के पहले एमपी कांग्रेस के संगठन में ताबड़तोड़ नियुक्तियां की जाएंगी। प्रदेश भर में करीब 502 पीसीसी डेलीगेट्स नियुक्त किए गए थे। इनमें से विधानसभा, लोकसभा चुनाव के दौरान कई डेलीगेट्स पार्टी छोड़कर चले गए थे। कुछ नेताओं का निधन हो चुका है। ऐसे में इन डेलीगेट्स की जगह नई नियुक्तियां की जाएंगी।
जिला अध्यक्षों से लेकर नीचे तक संगठन में होगी नई टीम जबलपुर में होने वाले अधिवेशन में एमपी कांग्रेस संगठन के काम काज की पूरी दिशा तय होगी। जिला अध्यक्षों से लेकर ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बूथ तक के कामों की टाइमलाइन तय होगी। इस अधिवेशन के पहले जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्त की जाएगी। ताकि, नई टीम को आने वाले समय के कामकाज के तौर तरीके बताए, सिखाए जा सकें।
जल्द तय होगी अधिवेशन की तारीख कांग्रेस के संगठन प्रभारी संजय कामले ने बताया- हमारे प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की ये सोच है कि अहमदाबाद के राष्ट्रीय अधिवेशन की तर्ज पर हम मप्र में एक अधिवेशन करें। इस पर भी गंभीरता से मंथन चल रहा है कि ये अधिवेशन एक दिवसीय हो, या दो-तीन दिन का किया जाए। बहुत जल्द इसकी तारीख तय हो जाएगी। एक बहुत अच्छा अधिवेशन मप्र में आयोजित होगा। आने वाले समय में जिसके बहुत अच्छे परिणाम संगठनात्मक तौर पर देखने को मिलेंगे।
टिकट वितरण में जिला अध्यक्ष की होगी अहम भूमिका
अहमदाबाद के राष्ट्रीय अधिवेशन में ये तय हो गया है कि जिला अध्यक्षों की भूमिका संगठन में सबसे अहम होगी। संगठन में होने वाली नियुक्तियों से लेकर टिकट वितरण में जिला अध्यक्षों का रोल सबसे अहम होगा। इस ऐलान के बाद एमपी में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के लिए नेताओं ने जोड़-तोड़ करना शुरू कर दिया है।
अब बूथ स्तर पर कांग्रेस का फोकस, संगठन खुद करेगा निगरान
कांग्रेस ने आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी अब सीधे बूथ स्तर पर फोकस करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो दशकों में कांग्रेस की चुनावी हार का एक बड़ा कारण यह रहा है कि प्रदेश संगठन का संपर्क सिर्फ जिला और ब्लॉक स्तर तक सीमित रहा, जबकि बूथ इकाइयों को मजबूत करने पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
अब यह स्थिति बदली जाएगी। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी और स्थानीय संगठन पहले से बूथ समितियों का गठन तो करते रहे हैं, लेकिन अब प्रदेश स्तर से भी बूथ समितियों की निगरानी और फॉलोअप किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और संगठन के पदाधिकारी जिला, ब्लॉक, मंडलम और सेक्टर स्तर की टीमों से लगातार संपर्क में रहेंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर बूथ पर सक्रिय और प्रभावशाली समिति काम कर रही हो।