तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास फैले घने जंगल को विकास के नाम पर बेरहमी से उजाड़ा जा रहा है। इस पर्यावरणीय विनाश के खिलाफ देशभर में रोष है। इसी क्रम में सृष्टि सेवा संकल्प, जिला भोपाल इकाई ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंपा। ज्ञापन में राष्ट्रपति, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, तेलंगाना के मुख्यमंत्री सहित संबंधित उच्चाधिकारियों से इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेने और तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई है।
क्या है मामला? हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कांचा गच्चीबौली क्षेत्र में फैले 400 एकड़ से अधिक हरित क्षेत्र, जिसे 'लंग्स ऑफ हैदराबाद' कहा जाता है, को आईटी पार्क निर्माण के लिए तेजी से साफ किया गया। 30 मार्च से 2 अप्रैल 2025 के बीच जंगल की अंधाधुंध कटाई की गई, जिससे नीलगाय, हिरण, मोर व अन्य जंगली जीवों का प्राकृतिक निवास उजड़ गया। इस भयावह विनाश के दृश्य जब सोशल मीडिया पर सामने आए, तो पूरे देश में हलचल मच गई। जंगल से भागते जानवरों की चीख-पुकार ने लोगों के दिलों को झकझोर दिया।
कानून की अनदेखी और नीति की कमी ज्ञापन में बताया गया कि यह कार्यवाही वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 का सीधा उल्लंघन है। यह अधिनियम संरक्षित वनों की रक्षा के लिए बनाया गया है, परंतु शहरी सीमा में आने वाले जंगलों को अक्सर संरक्षण नीति से बाहर कर दिया जाता है, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
सृष्टि सेवा संकल्प की प्रमुख मांगें