नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी संकट के बीच एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र बुलाकर अपना बहुमत साबित करने पर अड़े है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य में वे बीजेपी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भारतीय जनता पार्टी के ‘लोकतंत्र की हत्या की साजिश’ के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है। इससे पहले, अशोक गहलोत ने कैबिनेट बैठक बुलाई। इस बैठक के दौरान विधानसभा सत्र की गहलोत सरकार की मांग को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्रा की तरफ से पूछे गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गई। सूत्रों के हवाले से बताया, कैबिनेट बैठक के दौरान चर्चा राज्यपाल की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर की गई। इससे पहले, राज्यपाल ने राज्य की गहलोत सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए विधान सत्र बुलाने के कारण समेत छह बिंदुओं पर जवाब मांगा था। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट नोट को आज राज्यपाल कलराज मिश्रा को भेजा जा सकता है। पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत 19 पार्टी विधायकों के बागी होने के बाद अशोक गहलोत की नेतृत्व वाली राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है। गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाकर सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा पर बरसते हुए कहा था कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को चिट्ठी भेजी गई, लेकिन उन्होंने इस पर कोई फैसला नहीं है।
गहलोत के समर्थक विधायकों ने राजभवन पर करीब पांच घंटे तक धरना दिया ताकि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दबाव बनाया जा सके। राज्यपाल ने उन्हें भरोसा दिया कि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर वह संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार चलेंगे। बाद में राजभवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजभवन के घेराव वाले बयान पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार सख्त प्रतिक्रिया दी है और पूछा है कि अगर राज्यपाल की सुरक्षा मुख्यमंत्री नहीं करेगा तो फिर यह किसकी जिम्मेदारी है। राजस्थान के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखते हुए कहा, इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के लिए विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करता, आपने सार्वजनिक तौर पर कह दिया कि अग राजभवन का घेराव होता है, तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी।