नई दिल्ली । पूरा विश्व जलवायी परिवर्तन को लेकर चिंता में है। बदलते मौसम व तापमान को लेकर यूएन की संस्था विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने साल 2021 में हुए जलवायु परिवर्तन को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट में ग्रीनहाउस गैस की डेन्सिटी, समुद्री जल स्तर में बढ़ोत्तरी, महासागर के बढ़ते तापमान और महासागर में बढ़ते एसिड को जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण बताया गया है।
यूएन के मुताबिक इससे जाहिर होता है कि ह्यूमन एक्टिविटी के चलते भूमि, महासागर व वातावरण में बड़े बदलाव आ रहे हैं। इसके चलते विकास और इकोसिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला है। बुधवार को एजेंसी की तरफ से डब्ल्यूएमओ स्टेट ऑफ द ग्लोबल केलीमेट इन 2021 के नाम से रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें बताया गया है कि पिछले सात सालों में 2021 अब तक के सबसे अधिक गर्म साल होने का रिकॉर्ड बनाया है।
बता दें कि विश्व मौसम संगठन की तरफ से ऐसे समय में यह रिपोर्ट जारी की गई है, जब बदलते खतरनाक मौसम से करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। दक्षिण देश घातक बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा है। वहीं भारत और पाकिस्तान में लोग भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं। बताया गया है कि यूएन एजेंसी की तरफ से जारी किये गए इस रिपोर्ट को इस साल मिस्र में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन वार्ता में दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि एजेंसी की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट जलवायु की परेशानियों से निपटने में एक सहायक साबित हो सकती है। रिनीवेबल (नवीकरणीय) ऊर्जा संक्रमण में तेजी लानी होगी।
साथ ही ऊर्जा प्रणालियों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को खत्म करना होगा। डब्ल्यूएमओ ने दुनिया भर में अलग-अलग चरम मौसम की घटनाओं की लिस्टिंग करते हुए बताया है कि इसके चलते 2021 में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। साथ ही खाद्य सुरक्षा को कैसे गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है। वैश्विक औसत समुद्र स्तर 2021 में एक नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। वर्ष 2013-2021 के दौरान प्रति वर्ष औसतन 4.5 मिमी की वृद्धि हुई। इससे एक स्पष्ट संकेत है कि कैसे ग्लोबल वार्मिंग तटीय क्षेत्रों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।