वॉशिंगटन । अमेरिकी राज्य न्यू हैम्पशायर के कुछ छात्रों ने एक करीब छह फुट लंबी मिनी बोट का निर्माण किया। ये बच्चे पांचवी कक्षा में पढ़ते थे। 2020 के आखिर में बच्चों ने इस बोट को ढेर सारे गिफ्ट्स से भर दिया और अटलांटिक महासागर में छोड़ दिया। बच्चों को उम्मीद थी कि यह नाव किसी समुद्री किनारे पर रुकेगी और दुनिया के किसी कोने में कोई इन तोहफों को खोलेगा। एक साल से अधिक समय बाद अब इस नाव का पता चला है कि जो अपने आप में एक आश्चर्य है। राई जूनियर हाई स्कूल के कुछ बच्चे चाहते थे कि ये बोट यूरोप में जाकर रुके।
वहीं छठी कक्षा में पढ़ने वाली सोलस्टाइस रीड को भरोसा था कि इस नाव की यात्रा सफल नहीं होगी और यह पानी में कहीं गुम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि यह डूब जाएगी। हालांकि रीड का वह अनुमान गलत साबित हुआ है। बोट पर ट्रैकिंग डिवाइस लगा हुआ था। इस नाव ने समुद्र में 462 दिन पूरे किए और इस दौरान अलग-अलग बिंदुओं पर अपने होने की सूचना देती रही। इस महीने नॉर्वे के डायर्न्स के पास एक छोटे से द्वीप, स्माला में एक छठी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे को यह बोट मिली।
नाव करीब 50 फीसदी नष्ट हो चुकी थी। बाद में वह इसे अपने स्कूल ले गया और उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस पर मौजूद गिफ्ट्स को खोला। मिनी बोट को राई जूनियर हाई स्कूल के बच्चों और उनकी टीचर ने शीला एडम्स ने ढेर सारी तस्वीरों से भर दिया था। इस पर बच्चों का साइन किया हुआ एक फेसमास्क, टूटी हुई पत्तियों जैसी ढेर सारी चीजें बच्चों ने जुटाकर रखी थीं।
स्कूल का लक्ष्य बच्चों को समुद्र और उसके वैश्विक प्रभावों के बारे में शिक्षित करना था। संस्थान ने पहली बार 2018 में एडम्स के साथ इस मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था। कोरोना आने के बाद स्कूलों को बंद करना पड़ा और साल 2019-2020 के सेशन में यह प्रोजेक्ट भी बंद हो गया। स्कूलों को दोबारा खुलने के बाद बच्चों के एक समूह ने इसे फ्लोरिडा के गल्फ स्ट्रीम में उतारा। जीपीएस लगा होने के चलते छात्र इसे ट्रैक करने में सक्षम थे जब तक कि यह डूब न जाए। स्कूल में बच्चे इसे लेकर बेहद उत्साहित रहते थे और हर रोज इसकी अपडेट लोकेशन को चेक करते थे।