रियो डी जेनेरियो । ब्राजील ने सिनोवेक कोरोना वैक्सीन का परीक्षण रोक दिया है। वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर उसने यह फैसला किया और चीन को बड़ा झटका दिया है। ब्राजील के स्वास्थ्य नियामक ने कहा कि यह रोक वैक्सीन लगाने के कारण हुए एक प्रतिकूल घटना के बाद लगाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यह घटना 29 अक्टूबर को हुई थी। लेकिन, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह घटना ब्राजील में हुई है या किसी दूसरे देश में। साओ पाओलो के चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बुटानन के प्रमुख डिमास कोवास ने कहा कि वैक्सीन के कारण हुई एक मौत के बाद चीनी वैक्सीन के ट्रायल को रोकने का फैसला लिया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि जो मौत हुई है वह वैक्सीनेशन से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय 10,000 से अधिक लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। ऐसे में किसी एक व्यक्ति की मौत हो सकती है।
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने चीन के कोविड-19 टीके का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि ब्राजील के लोग किसी के लिये गिनी पिग नहीं बन सकते.. उन्होंने कई दिनों पहले ही ऐलान किया था कि उनका देश चीन से कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं खरीदेगा। राष्ट्रपति बोलसोनारो ने सोशल मीडिया पर अपने एक समर्थक को जवाब देते हुए लिखा था कि निश्चित रूप से हम चीनी वैक्सीन नहीं खरीदेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बोलसोनारो की टिप्पणी पर अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि चीन की टीका अनुसंधान एवं विकास क्षमता दुनियाभर में अग्रणी है। चीन फिलहाल चार टीकों पर काम कर रहा है, जो तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में पहुंच गए हैं। चीन की टीका अनुसंधान और विकास क्षमता की कई देशों में चर्चा हो रही है। चीन दुनियाभर में कोविड-19 टीका वितरित करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के गठबंधन 'कोवैक्स' का भी हिस्सा है।
गौरतलब है कि ब्राजील कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शुमार है। आंकड़ों के अनुसार, ब्राजील में अब तक लगभग 5,675,766 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। संक्रमितों के मामले में वह अमेरिका और भारत के बाद तीसरे स्थान पर है जबकि कोविड-19 से हुई मौतों के मामले में वह अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। ब्राजील में अब तक करीब 162,638 लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हो चुकी है। ब्राजील की सरकार पहले से ही एस्ट्राजेनेका और ऑस्कफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन को खरीदने की तैयारी कर चुकी है। इतना ही नहीं, वे इस वैक्सीन को अपने बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर फियोक्रुज में उत्पादन करने की तैयारी भी कर रहे हैं। चीन की वैक्सीन के ट्रायल को लेकर पहली रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि ब्राजील के 9000 लोगों के ऊपर इस वैक्सीन ने अच्छा असर दिखाया है।