चंडीगढ़ । मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब में आम आदमी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस हत्या को लेकर विभिन्न गैंग के गैंगस्टर्स भी एक बाद एक सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। कुछ सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ले रहे हैं तो कोई इस हत्या को लेकर आलोचना कर रहा है।
इसने पंजाब की फिरोजपुर सेंट्रल जेल के अंदर बंद कैदियों के बीच विवाद खड़ा कर दिया है। बुधवार दोपहर बाद फिरोजपुर जेल के अंदर हालात बिगड़ गए। दो ग्रुपों में सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर बहस शुरू हुई और यह बहस हिंसा में बदल गई। इस हिंसा में एक दर्जन से ज्यादा कैदी घायल हो गए।
हालांकि चार गंभीर घायल कैदियों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जेल सूत्रों की मानें तो मामूली घायल कैदियों का इलाज जेल के अंदर ही किया गया। जेल में हुई हिंसा की बात गुप्त रखी गई। जेल अधिकारियों ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या को देकर दो ग्रुप में बहस हुई। एक पक्ष हत्या का सही बता रहा था जबकि दूसरा इसकी आलोचना कर रहा था। ऐसा सिर्फ दो ग्रुपों के बीच नहीं हुआ। यह अन्य ग्रुपों तक भी फैल गया।
जेल अधिकारियों ने बताया कि हाई सिक्यॉरिटी सेल में बंद कैदियों के बीच भी इसे लेकर विवाद हो गया। कैदियों को जो मिला उन्होंने एक दूसरे पर फेंका, एक दूसरे पर लात-घूंसे चलाए। बाल खींचे और एक दूसरे को जमीन पर पटका। बताया जा रहा है कि जेल के अंदर दो गैंगस्टर्स के पास मोबाइल मिले। उन्होंने कहा कि इन मोबाइल के जरिए संपर्क करके ही गैंस्टर्स ने मूसेवाला की हत्या करने की साजिश रची। जिस पर दूसरे ग्रुप से बहस हुई और यह हिंसा में तब्दील हुई। वहीं जेल अधिकारियों का कहना है कि मनसा पुलिस फिरोजपुर जेल पहुंची थी। उन्होंने जेल में बंद गैंगस्टर मनप्रीत सिंह मन्ना से सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में पूछताछ के लिए वारंट दिया।
जेल सूत्रों ने बताया कि कैदियों का एक ग्रुप मन्ना के समर्थन में था। उनका कहना था कि उन्होंने सिद्धू मूसेवाला की हत्या में मन्ना का हाथ होने की सूचना लीक करके गलत किया। इसी बात को लेकर हिंसा हुई। सूत्रों का कहना है कि घटना के समय जेल के अंदर उचित सुरक्षा नहीं थी। कैदियों को रोकने के लिए भी फास्ट इंतजाम नहीं किए गए जिससे विवाद खूनी हो गया। इस घटना के बारे में बात करने के लिए जब जेल अधीक्षक परविंदर सिंह को टीओआई ने फोन किया तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई। वहीं दूसरे अधिकारी घटना को लेकर चुप्पी साधे रहे। बताया जा रहा है कि जेल अधिकारियों ने जेल के अंदर से पांच मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड बरामद किए हैं। जेल के अंदर दो दिनों तक खास सर्च अभियान चला।