कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई ने राज्य सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए राजभवन के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। भाजपा की प्रदेश इकाई के कुछ कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने प्रदर्शन किया और राज्य में ‘कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने’ का दावा करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं है और लोग राज्यपाल की ओर देख रहे हैं क्योंकि वह संविधान के संरक्षक हैं। भट्टाचार्य ने कहा, लोग उनके बयानों को सुनने को तैयार नहीं हैं। लोगों को अब उनके ट्वीट में कोई दिलचस्पी नहीं है। लोग चाहते हैं कि वह कार्रवाई करें क्योंकि कार्रवाई करने का समय आ गया है।
राज्य के लोग चाहते हैं कि वह उन्हें तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से राहत दें। भाजपा नेता और कोलकाता नगर निगम के पार्षद साजल घोष के नेतृत्व में करीब 20 प्रदर्शनकारियों ने ‘ई तृणमूल आर नोय’ (यह तृणमूल कांग्रेस सरकार अब और नहीं) जैसे नारे लगाए और उन्होंने तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के मुख्य द्वार के सामने बैठने की कोशिश की लेकिन उन्हें वहां से हटा दिया गया।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ के हस्तक्षेप की मांग करते हुए घोष ने कहा पश्चिम बंगाल में इस अराजकता को रोकने के लिए तत्काल अनुच्छेद 365 लागू किया जाना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 365 के तहत, यदि कोई राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप काम नहीं कर पाती तो केंद्र सरकार राज्य के प्रशासनिक कामकाज अपने हाथ में ले सकती है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भाजपा के लगभग 20 कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया। हालांकि बाद में निजी मुचलकों पर उन्हें छोड़ दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी शर्मनाक हार को अभी तक स्वीकार नहीं कर पाई है और अब एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है।